आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एकीकरण- कृषि में सुधार के लिए एआई
by PIB delhi सरकार ने किसानों के हित में कृषि क्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) विधियों को नियोजित किया है। कुछ पहल नीचे दी गई हैं:
- किसान ई-मित्र’ एक एआई -संचालित चैटबॉट है जो किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करने में सहायता करता है। यह कई भाषाओं में समाधान उपलब्ध कराता है और अन्य सरकारी कार्यक्रमों में सहायता के लिए विकसित हो रहा है।
- जलवायु परिवर्तन के कारण उपज के नुकसान से निपटने के लिए राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली। यह प्रणाली फसल की समस्याओं का पता लगाने के लिए एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग करती है। इससे स्वस्थ फसलों के लिए समय पर उपाय करना संभव होता है।
- चावल और गेहूं की फसल के लिए सैटेलाइट, मौसम और मिट्टी की नमी डेटासेट का उपयोग करके फसल स्वास्थ्य आकलन और फसल स्वास्थ्य निगरानी के लिए फ़ील्ड फ़ोटो का उपयोग करके एआई आधारित विश्लेषण।
इसके अलावा, सरकार 2015-16 से देश में प्रति बूंद अधिक फसल (पीडीएमसी) की एक केंद्र प्रायोजित योजना लागू कर रही है। पीडीएमसी ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणालियों जैसे सूक्ष्म सिंचाई के माध्यम से खेत स्तर पर जल उपयोग दक्षता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करती है। सूक्ष्म सिंचाई से पानी की बचत के साथ-साथ उर्वरक के उपयोग में कमी, श्रम व्यय, अन्य इनपुट लागत और किसानों की समग्र आय में वृद्धि में मदद मिलती है। सरकार पीडीएमसी के तहत ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम लगाने के लिए छोटे और सीमांत किसानों को 55 प्रतिशत और अन्य किसानों को 45 प्रतिशत की दर से वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसके अलावा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने भी आईओटी आधारित सिंचाई प्रणाली विकसित की है और चयनित फसलों के लिए खेत में इसका परीक्षण किया है।
यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री राम नाथ ठाकुर ने दी।