उस्ताद अल्लाउद्दीन ख़ान संगीत महाविद्यालय से सैकड़ों नेशनल-इंटरनेशनल टैलेंट, गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी नाम दर्ज !
शिवांक द्विवेदी ,सतना: संगीत की समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सतना का उस्ताद अल्लाउद्दीन ख़ान संगीत महाविद्यालय संगीत प्रेमियों के लिए एक आदर्श मंच बन चुका है. अगस्त 1998 में स्थापित इस प्रतिष्ठित संस्थान ने शास्त्रीय संगीत, नृत्य, और तंत्रवाद्य जैसी कलाओं में न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई है.
संस्थान की स्थापना और मान्यता
इस संस्थान की स्थापना रमाकांत त्रिपाठी द्वारा की गई थी, जिन्होंने खैरागढ़ विश्वविद्यालय से संगीत की शिक्षा प्राप्त की. यह महाविद्यालय इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से मान्यता प्राप्त है और सतना में इसकी दो शाखाएँ हैं—उमरी और भरहुत नगर क्षेत्र.
संस्थान का उद्देश्य संगीत प्रेमियों को कला में निपुण बनाना और उन्हें करियर के नए आयाम प्रदान करना है.
शिक्षा और प्रशिक्षण
उस्ताद अल्लाउद्दीन ख़ान संगीत महाविद्यालय में संगीत और नृत्य की विभिन्न विधाओं में गहन प्रशिक्षण दिया जाता है.
संगीत विधाएँ: शास्त्रीय गायन, तबला, तंत्रवाद्य, ग़ज़ल.
नृत्य: कथक और अन्य भारतीय शास्त्रीय नृत्य.
वर्तमान में, 5 से 30 वर्ष की आयु के लगभग 200 छात्र यहाँ प्रशिक्षण ले रहे हैं. 26 वर्षों की यात्रा में संस्थान ने अब तक 8,000 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया है.
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान
यह संस्थान न केवल सतना बल्कि पूरे भारत में अपनी पहचान बना चुका है.
रियलिटी शोज़ में भागीदारी: यहाँ के छात्रों ने सारेगामा पा, मम्मी के सुपर स्टार, और विभिन्न डांस रियलिटी शोज़ में भाग लेकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है.
गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज: महाविद्यालय के छात्रों ने तीन बार गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपनी जगह बनाई है.
मध्यप्रदेश में उपलब्धियाँ: संस्थान के 30-35 छात्रों ने विभिन्न विधाओं में राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है.
गौरवशाली उपलब्धियाँ
महाविद्यालय की सफलता इसकी उपलब्धियों से स्पष्ट होती है:
यहाँ से प्रशिक्षित छात्र न केवल संगीतकार बने हैं बल्कि शिक्षक, सरकारी सेवाओं में पदाधिकारी, और स्वतंत्र कलाकार के रूप में करियर बना रहे हैं. संस्थान के प्रयासों से सतना संगीत के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है.
संगीत: एक उभरता हुआ करियर विकल्प
संस्थान के संस्थापक रमाकांत त्रिपाठी का मानना है कि आज के समय में संगीत न केवल एक कला है, बल्कि एक उभरता हुआ करियर विकल्प भी है.
शिक्षा और रोजगार: संगीत के क्षेत्र में शिक्षण पद और सरकारी सेवाओं के कई अवसर हैं.
स्वतंत्र करियर: स्वतंत्र कलाकार, संगीतकार, और प्रस्तोता के रूप में युवा अपनी पहचान बना सकते हैं.
क्यों है यह महाविद्यालय खास?
समृद्ध परंपरा: उस्ताद अल्लाउद्दीन ख़ान जैसे महान संगीतकार के नाम से जुड़ा यह संस्थान एक गौरवशाली परंपरा का हिस्सा है.
अत्याधुनिक प्रशिक्षण: शास्त्रीय और आधुनिक विधाओं में संतुलित प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है.
राष्ट्रीय पहचान: इस महाविद्यालय ने सतना को एक संगीत केंद्र के रूप में स्थापित किया है.