वाइल्ड लाइफ बोर्ड से पहले मिल चुकी है सहमति:केंद्र की भी मिली मंजूरी, प्रदेश का 5वां टाइगर रिजर्व बनेगा भोरमदेव
भोरमदेव अभयारण्य राज्य का पांचवां टाइगर रिजर्व बनेगा। केंद्र सरकार ने इस बारे में मंजूरी दे दी है। अब राज्य शासन का नोटिफिकेशन जारी होते ही भोरमदेव को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिल जाएगा। दर्जा देने की बाकी औपचारिकता पहले ही पूरी की जा चुकी है। वाइल्ड लाइफ बोर्ड भी इसकी मंजूरी दे चुका है। दरअसल, पिछली कांग्रेस सरकार ने वहां पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोगों के बसे होने का हवाला देकर रिजर्व प्रोजेक्ट रोक दिया था। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण(एनटीसीए)के माध्यम से सरकार को इस बारे में निर्देश जारी कर दिए हैं। इस बारेमें केंद्रीय मंत्री ने सांसद बृजमोहन अग्रवाल को पत्र लिखकर जानकारी दी है। मंत्री ने लिखा कि आपकी ओर से भोरमदेव अभयारण्य को टाइगर रिजर्व का दर्जा दिलाने का आग्रह किया गया था। ये इलाका कान्हा टाइगर रिजर्व के बफर जोन से जुड़ा है। ये बदलाव होंगे अभी ये टाइगर रिजर्व
{उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट {इंद्रावती टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट {गुरुघासीदास तमोर पिंगुला टाइगर रिजर्व। एनटीसीए ने 2014 में कर दी थी सिफारिश
एनटीसीए ने 2014 में ही भोरमदेव को टाइगर रिजर्व का दर्जा देने की सिफारिश की थी। फिर छत्तीसगढ़ राज्य वन्यजीव बोर्ड ने भी मंजूरी दे दी थी। टाइगर रिजर्व बनने के बाद यह क्षेत्र कान्हा-अचानकमार कॉरिडोर का हिस्सा बनेगा। इससे बाघों के सुरक्षित आवागमन को बढ़ावा मिलेगा। सांसद अग्रवाल ने कहा कि टाइगर रिजर्व के दर्जे से वन्यजीव संरक्षण को मजबूती मिलेगी।
एनटीसीए ने 2014 में ही भोरमदेव को टाइगर रिजर्व का दर्जा देने की सिफारिश की थी। फिर छत्तीसगढ़ राज्य वन्यजीव बोर्ड ने भी मंजूरी दे दी थी। टाइगर रिजर्व बनने के बाद यह क्षेत्र कान्हा-अचानकमार कॉरिडोर का हिस्सा बनेगा। इससे बाघों के सुरक्षित आवागमन को बढ़ावा मिलेगा। सांसद अग्रवाल ने कहा कि टाइगर रिजर्व के दर्जे से वन्यजीव संरक्षण को मजबूती मिलेगी।