दंतेवाड़ा जिला के जिला अस्पताल के सिविल सर्जन का फर्जी हस्ताक्षर कर DMF की राशि निकालने के मामले में SBI बैंक के मैनेजर और जिला अस्पताल की अकाउंटेंट को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया है। और अन्य 4 लोगों के साथ मिलकर इन्होंने 66 लाख 75 हजार 850 रुपए निकाल लिए थे। अब गिरफ्तारी के बाद दोनों को जेल भेजा दिया गया है। मामला दंतेवाड़ा सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है। दरअसल, सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक ने दंतेवाड़ा सिटी कोतवाली में FIR दर्ज करवाई थी। उन्होंने पुलिस को बताया था कि DMF और CSR मद में आए 66 लाख 75 हजार 850 रुपए के आहरण भुगतान में अनियमितता है। फर्जी दस्तखत कर पैसे निकाल लिए गए हैं। FIR के बाद पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई। जांच के दौरान पुलिस ने मुख्य आरोपी अभिजीत सिंह चौहान के साथ अन्य आरोपी अर्पणा चौहान, सौरभ सुद, मोहम्मद तौसिफ रजा के खिलाफ भी FIR दर्ज की थी। अब दो की हुई गिरफ्तारी साथ ही जांच में पता चला कि दंतेवाड़ा भारतीय स्टेट बैंक के सीनियर मैनेजर निशांत ठाकुर (38) और सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक कार्यालय दंतेवाड़ा की सहायक अकाउंटेंट सुतापा कुन्डू (33) भी इस फ्रॉड में शामिल है। जिसके बाद पुलिस ने इनपर FIR दर्ज की। हिरासत में लिया। फिर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर दोनों को कोर्ट में पेशकर जेल भेज दिया गया। SDOP गोविंद सिंह दीवान ने कहा कि, इस मामले की बारीकी से जांच की गई। जिसमें बैंक मैनेजर और अकाउंटेंट के भी शामिल होना का खुलासा हुआ। उनपर कार्रवाई कर जेल भेजा गया है। 4 को मिली जमानत इस मामले में शामिल चार लोग जिनमें दो वेंडर एक अकाउंटेंट और एक निजी खाता धारक जमानत पर हैं और अब दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस अब भी फाइल खंगाल रही है।