बलौदाबाजार हिंसा मामले में जेल में बंद सतनामी समाज के प्रदेश युवा अध्यक्ष मोहन बंजारे रिहा हो गए है। कलेक्टर एवं एसपी कार्यालय आगजनी की घटना में लगभग 200 दिनों के बाद उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली है। वहीं, इसी मामले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 20 फरवरी को सुनवाई होगी। जेल से रिहा होने के बाद सतनामी समाज ने बंजारे का भव्य स्वागत किया। दोषियों पर कार्रवाई की मांग रिहाई के बाद उन्होंने बाबा गुरु घासीदास की पूजा-अर्चना की। बाबा भीमराव आंबेडकर और शहीद युगल किशोर वर्मा की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की, साथ ही दोषियों पर कार्रवाई के साथ-साथ निर्दोष लोगों की जल्द रिहाई की मांग भी की है। निर्दोष लोगों को जेल में डालना दुखद – बंजारे 10 जून 2024 को हुई हिंसा में 187 अन्य लोगों के साथ मोहन बंजारे को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। बंजारे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बलौदाबाजार की घटना निंदनीय थी, लेकिन इसमें निर्दोष लोगों और छोटे बच्चों को भी जेल में डाला जाना दुखद है। जेल में रहने के दौरान पिता का निधन बंजारे ने बताया कि जेल में रहने के दौरान उनके पिता का निधन हो गया। उनका मानना है कि अगर वे जेल में नहीं होते, तो शायद उनके पिता आज जीवित होते। दुश्मनी को खत्म करने की अपील मोहन बंजारे ने समाज में फैली दुश्मनी को खत्म करने की अपील करते हुए कहा कि वे बाबा गुरु घासीदास, शहीद वीर नारायण और कबीर धाम के निवासी हैं, जो हमेशा भाईचारे और शांति के साथ रहते आए हैं।