बलौदाबाजार,,बालिग होने से पहले ही विवाह बंधन में बंधने जा रहे बच्चों को प्रशासन ने बचा लिया। पलारी विकासखंड के तीन अलग-अलग गांवों में होने वाली नाबालिगों की शादियों को जिला प्रशासन ने समय रहते रोक दिया। जिला कार्यक्रम अधिकारी टी. जाटवर के नेतृत्व में गठित संयुक्त टीम में जिला बाल संरक्षण इकाई, एकीकृत बाल विकास परियोजना पलारी और पुलिस विभाग के अधिकारी शामिल थे। ग्राम ओडान में 19 वर्षीय युवक की शादी की तैयारियां अंतिम चरण में थीं। मंडप सजा हुआ था और मेहमान भी आ चुके थे। लेकिन प्रशासनिक टीम ने दस्तावेजों की जांच में पाया कि लड़का कानूनी रूप से विवाह योग्य नहीं है। वहीं मुडपार गांव में 20 वर्षीय नाबालिग की हल्दी की रस्म पूरी हो चुकी थी और बारात निकलने वाली थी, तब टीम ने पहुंचकर शादी रुकवा दी। प्रशासन ने सभी परिवारों को कड़ी चेतावनी दी कि बाल विवाह कानूनी अपराध है। साथ ही समझाया कि बच्चों का विवाह कानूनी उम्र में ही करें। इस कार्रवाई से क्षेत्र में बाल विवाह के खिलाफ एक सकारात्मक संदेश गया है। तीसरा मामला ग्राम कोसमंदी का था, जहां एक लड़की की उम्र 17 साल 9 महीने पाई गई। शादी की रस्में शुरू हो चुकी थीं, लेकिन अधिकारियों ने दस्तावेजों की जांच की और तुरंत शादी रुकवा दी। परिजनों ने पहले विरोध किया, लेकिन टीम की सख्त चेतावनी के बाद वे झुक गए और लिखित में वादा किया कि वे बालिग होने से पहले लड़की की शादी नहीं करेंगे। परिजनों को दी गई समझाइश, सख्त कार्रवाई की चेतावनी महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने मौके पर मौजूद परिजनों और ग्रामीणों को बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। टीम ने बताया कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़कों का विवाह कानूनी अपराध है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और भविष्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। परिजनों को यह भी समझाया गया कि बाल विवाह रोकथाम अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह करवाने वाले माता-पिता और रिश्तेदारों पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इस चेतावनी के बाद सभी परिजनों ने लिखित में यह वचन दिया कि वे अपने बच्चों का विवाह तब तक नहीं करेंगे जब तक वे कानूनी उम्र तक नहीं पहुंच जाते। कार्रवाई में इन अधिकारियों की रही अहम भूमिका इस महत्वपूर्ण कार्रवाई में जिला बाल संरक्षण अधिकारी प्रकाश दास, संरक्षण अधिकारी दीपक राय, सामाजिक कार्यकर्ता शाहनवाज, सुपरवाइजर स्वाति जायसवाल, चाइल्ड हेल्पलाइन से मीरा साहू और थाना पलारी की पुलिस टीम शामिल रही।