बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों ने नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता हासिल की

खबर शेयर करें

अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती जवान जग्गू कलमू सो रहे थे। इस वजह से उनसे बात नहीं हो सकी। रावटे शिक्षाकर्मी की नौकरी छोड़ 8 साल पहले एसटीएफ में आए, तीन बार जान बची
शहीद वसित कुमार रावटे(34) को बचपन से ही फौज में जाने का जुनून रहा। इसके चलते 8 साल पहले शिक्षाकर्मी की नौकरी छोड़ अप्रैल 2016 में एसटीएफ जॉइन किया। बड़े भाई प्रीतम रावटे ने बताया कि वह बचपन से ही खेल-कूद और पढ़ाई लिखाई में अव्वल रहे। बचपन से ही गांव में सेना में जाने की तैयारी की। वर्ष 2016 में एसटीएफ में नौकरी लगी। 2019 में वासित की शादी खिलेश्वरी हुई। दो बेटियां हैं। डेढ़ साल की जिज्ञासा और तीन साल की मीरा। वसित नशा से दूर रहकर गांव के युवाओं को भी यही शिक्षा दी। वसित के दोस्त बाबूलाल ने बताया कि हम साथ सुबह दौड़ने जाते थे। अभी नक्सलियों के खात्मे के लिए बड़ा मुहिम चल रही है। अभियान के दौरान तीन बार उसकी जान बची। शरीर के ऊपर से गोली निकल गई। उसने हाल ही में चार नक्सलियों को मार गिराया ​​था। मारे गए नक्सलियों के शव बरामद। इनमें 20 पुरुष और 11 महिलाएं हैं। मुठभेड़ स्थल से एके-47, ग्रेनेड लॉन्चर समेत कई हथियार मिले। किसी भी नागरिक को जान गंवानी नहीं पड़ेगी: शाह अमित शाह ने कहा कि सुरक्षाबलों को बीजापुर में बड़ी सफलता मिली है। 31 मार्च 2026 तक नक्सलियों का खात्मा हो जाएगा। देश के किसी भी नागरिक को इसके कारण अपनी जान नहीं गंवानी पड़ेगी। जवानों का बलिदान व्य​र्थ कतई नहीं जाएगा: साय
सीएम विष्णुदेव साय ने जवानों के शहीद होने पर दुख जताया। उन्होंने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। मार्च 2026 तक राज्य नक्सलवाद मुक्त होकर रहेगा। सुरक्षाबलों का इस साल का यह सबसे बड़ा ऑपरेशन उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि जनवरी और फरवरी माह को मिलाकर देखें तो यह अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन है। जिसे नक्सलियों का आरामगाह कहा जाता था,वहां जवानों ने करारा जवाब दिया है। भास्कर Insight तेलंगाना और बटालियन नंबर एक के कैडर मीटिंग के लिए जमा हुए थे छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बार्डर पर बीजापुर जिले के बड़े काकलूर के जिस जंगल में मुठभेड़ हुई है वह टायगर नेशनल पार्क का कोर एरिया है। यहां आम लोगों का आना-जाना न के बराबर है। अभी नक्सलियों का टीसीओसी शुरू हो चुका है। सूत्रों का कहना है कि टीसीओसी के दौरान नई भर्तियों से लेकर बड़े हमलों के लिए प्लानिंग करने के लिए यहां दो राज्यों के नक्सलियों की मीटिंग का आयोजन किया गया था। यहां नक्सलियों के तेलंगाना स्टेट कमेटी और बटालियन नंबर एक, मद्देड़ एरिया कमेटी और नेशनल पार्क एरिया कमेटी के लाल लड़ाके मीटिंग के लिए जमा हुए थे। इसके अलावा टीसीओसी में जो बड़े हमले और इस दौरान लाल संगठन में भर्ती किए गये नये लड़ाकों को यहीं ट्रेनिंग देने की प्लानिंग भी नक्सलियों ने की थी। फोर्स के अफसरों का कहना है कि उन्हें मौके पर 300 नक्सलियों के होने की सूचना मिली थी। इसी संख्या के आधार पर ऑपरेशन प्लान किया गया था। लौट रहे जवानों को एंबुश में फंसाने की कोशिश सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर रविवार को 1000 से अधिक जवानों ने ऑपरेशन शुरू किया। पुलिस अफसरों ने बताया कि जवान रविवार की सुबह 8 बजे जिस स्थान पर नक्सली मौजूद थे, वहां पहुंचे। जवानों के पहुंचते ही दोनों ओर से गोलीबारी शुरू हो गई। इसके बाद करीब एक घंटे तक मुठभेड़ जारी रही। जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली कुछ देर के लिए पीछे हटे और फिर से जवानों को घेरते हुए गोलीबारी शुरू कर दी। इसके अलावा ऑपरेशन से लौटने के दौरान भी रास्ते में दो या तीन जगह नक्सलियों ने जवानों को एंबुश में फंसाने की कोशिश की लेकिन नक्सली सफल नहीं हो पाये।

खबर शेयर करें
इसे भी पढ़े..  कलेक्टर एसपी ने बरमकेला के स्ट्रांग रूम और मतगणना केंद्र काअवलोकन किया