कांग्रेस बोली-फूड पॉइजनिंग से नहीं जहरीली शराब से मौत हुई:बिलासपुर में 17 लोगों ने पी थी शराब; नशा बढ़ाने केमिकल मिलाने की भी आशंका

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जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी का आरोप है कि, लोफंदी में जहरीली शराब से हुई मौत के मामले को जिला प्रशासन दबाने का प्रयास कर रहा है। अब तक केवल दो का ही पोस्टमॉर्टम कराया गया है। 6 का बिना पीएम के ही अंतिम संस्कार कर दिया गया है। उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। विजय केशरवानी ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख मुआवजा देने की मांग की है। विधायक सुशांत शुक्ला अब तक नहीं पहुंचे गांव
कांग्रेस ने कहा कि, इस क्षेत्र के विधायक सुशांत शुक्ला हैं। एक सप्ताह के भीतर 9 मौतें हो चुकी हैं। पुलिस और प्रशासन जांच कर रही है। हम भी टीम के साथ पहुंचे हैं, लेकिन विधायक या उनका कोई भी प्रतिनिधि यहां गांव वालों के पास कारण और हालात जानने नहीं पहुंचा। यहां तक की सीएम ने इस पर कोई प्रतिक्रिया तक नहीं दी है। एक मृतक पहले शराब बेचने के केस में ही गिरफ्तार हुआ था
इधर, गांव में महुआ शराब की बिक्री और पुलिस की गतिविधियों पर उठाए गए सवालों के बाद पुलिस ने सफाई दी है। पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि लोफंदी गांव में घुटकू में रहने वाली महिला बंदे लोनिया शराब सप्लाई करती थी। उससे लोफंदी निवासी कोमल लहरे शराब लेकर आता था। कोमल से लेकर शराब पीने वालों की तबीयत बिगड़ी है। इस घटना में कोमल की भी मौत हो चुकी है। वहीं, 21 जनवरी को कोमल और बंदे लोनिया को गिरफ्तार किया था। दोनों को जेल भेजा गया। जहां से दोनों करीब सात दिन बाद छूटकर आ गए। इसके बाद कुछ दिन तक उनका काम बंद रहा। फिर दोनों ने मिलकर शराब बेचना शुरू कर दिया।

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