वन परिक्षेत्र में हाथी ने एक बार फिर से जमकर उत्पात मचाया है। बंगुरसिया समेत आसपास के 4 गांव में 9 कच्चे मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया
बंगुरसिया पूर्व की सर्किल प्रभारी प्रेमा तिर्की ने बताया कि जब चकाबहाल के ग्रामीणों ने हाथी को खदेड़ने का प्रयास किया, तो काफी देर बाद हाथी उस गांव से निकलकर बंगुरसिया बस्ती में पहुंच गया। बंगुरसिया में रहने वाले संतोष विश्वकर्मा के अलावा कमला सिदार के मकान को ढहाते हुए वहां रखे चावल को खाने के साथ-साथ कुछ सामानों को भी नुकसान पहुंचाया। मकान ढहाने के बाद लौटा जंगल
रात में वनकर्मियों व ग्रामीणों ने जब हाथी को खदेड़ा, तो हाथी जंगल के रास्ते से जुनवानी गांव में पहुंच गया और रामलाल कुजूर के कच्चे मकान को ढहाया। साथ ही पुनीराम धनवार के केला फसल को बर्बाद कर दिया। इसके बाद रात में हाथी वापस जंगल की ओर चले गया। जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। हाथी द्वारा किए गए नुकसान का आंकलन विभाग द्वारा किया जा रहा है। हाथी पर नजर रख रहे
इस संबंध में रेंजर हेमलाल जयसवाल ने बताया कि एक ही रात में हाथी ने 4 गांव में मकान, केला फसल को नुकसान किया है। आंकलन के बाद ग्रामीणों का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा हाथी पर लगातार निगरानी की जा रही है और हाथी प्रभावित क्षेत्र में ग्रामीणों को अकेले जंगल नहीं जाने कहा जा रहा है।
रात में वनकर्मियों व ग्रामीणों ने जब हाथी को खदेड़ा, तो हाथी जंगल के रास्ते से जुनवानी गांव में पहुंच गया और रामलाल कुजूर के कच्चे मकान को ढहाया। साथ ही पुनीराम धनवार के केला फसल को बर्बाद कर दिया। इसके बाद रात में हाथी वापस जंगल की ओर चले गया। जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। हाथी द्वारा किए गए नुकसान का आंकलन विभाग द्वारा किया जा रहा है। हाथी पर नजर रख रहे
इस संबंध में रेंजर हेमलाल जयसवाल ने बताया कि एक ही रात में हाथी ने 4 गांव में मकान, केला फसल को नुकसान किया है। आंकलन के बाद ग्रामीणों का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा हाथी पर लगातार निगरानी की जा रही है और हाथी प्रभावित क्षेत्र में ग्रामीणों को अकेले जंगल नहीं जाने कहा जा रहा है।