150 बिल्डरों को रेरा की नोटिस:राज्यभर में सबसे ज्यादा रायपुर में 901 प्रोजेक्ट इसमें बिल्डरों ने पूरे किए 378 ही, सख्ती शुरू

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छत्तीसगढ़ में रेरा का गठन होने के सात साल बाद सबसे ज्यादा मकान रायपुर में ही बन रहे हैं। लेकिन चौंकाने वाले आंकड़े यह है कि बिल्डरों के आधे से ज्यादा प्रोजेक्ट अब तक पूरे नहीं हुए हैं। 2017 में रेरा के बनने के बाद रायपुर में बिल्डरों के 901 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हुए हैं। लेकिन इसमें 378 का ही काम पूरा हुआ है। 504 प्रोजेक्ट ऐसे हैं ​जो अब भी बन रहे हैं। रेरा ने लोगों को समय पर और कम कीमत में फ्लैट, जमीन और मकान दिलाने के लिए अब सख्ती शुरू कर दी है। ऐसे सभी बिल्डरों को नोटिस दी जा रही है जो समय पर काम पूरा नहीं कर रहे हैं या फिर हर तिमाही को अपना लेखा-जोखा नहीं दे रहे हैं। पिछले 3 महीने में ऐसे 150 से ज्यादा बिल्डरों को नोटिस जारी किया गया है जो अपने प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं कर पाए हैं। रेरा ने सभी बिल्डरों से कहा है कि उनके प्रोजेक्ट लेट होते हैं तो उन पर जुर्माना तो लगाया जाएगा, लेकिन वो लोगों को बढ़ी कीमत पर प्रॉपर्टी नहीं बेच पाएंगे। 2593 शिकायतों पर सुनवाई पूरी, सबसे ज्यादा कॉलोनी वाले नाराज
रेरा का दावा है कि अब तक 2593 शिकायतों का निराकरण किया गया है। इसमें आधे से ज्यादा फैसले बिल्डरों के खिलाफ दिए गए हैं। लोगों की शिकायतों पर तुरंत केस दर्ज कर सुनवाई की जा रही है। रायपुर में सबसे ज्यादा शिकायतें कॉलोनी वाले ही कर रहे हैं। ज्यादातर कॉलोनी के लोग ऐसे हैं जिनका आरोप है कि बिल्डरों ने ब्रोशर में जो चीजें दिखाई थी उसे आज तक पूरा नहीं किया। व्यक्तिगत शिकायतें रेरा में सबसे कम दर्ज होती है। हालांकि कई कॉलोनी के लोगों का यह भी आरोप है कि बड़े बिल्डरों के ​खिलाफ की गई शिकायतों पर रेरा में सुनवाई धीमी गति से होती है। बार-बार पेशी और दस्तावेजों के नाम पर काफी परेशान किया जाता है। 165 प्रोजेक्ट ऐसे जो पूरे नहीं भास्कर की पड़ताल में इस बात का भी खुलासा हुआ है​ कि सबसे मकान बनाने के मामले में रायपुर के बाद बिलासपुर और तीसरे नंबर पर दुर्ग है। बिलासपुर संभाग में 539 और दुर्ग में 370 प्रोजेक्ट अब तक रजिस्टर्ड हैं। बस्तर संभाग में 68 और सबसे कम सरगुजा संभाग में 47 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हैं। सात प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिसे रेरा ने सिरे से खारिज कर दिया है। इसमें भी सबसे ज्यादा 4 प्रोजेक्ट रायपुर के ही हैं। इतना ही नहीं समय सीमा में पूरे नहीं होने वाले 165 प्रोजेक्ट को रिजेक्ट किया गया है। इसमें भी सबसे ज्यादा 78 रायपुर के ही हैं। लगातार कार्रवाई कर रहे ^ तय समय में प्रोजेक्ट पूरा नहीं करने वाले बिल्डरों के प्रोजेक्ट लगातार निरस्त कर रहे हैं। अभी जो काम में ढिलाई कर रहे हैं उन्हें नोटिस भी दे रहे हैं। लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो इसलिए सख्ती जारी है। रेरा में रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट को तय समय में ही पूरा करना होगा। संजय शुक्ला, चेयरमैन छत्तीसगढ़ रेरा

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