छत्तीसगढ़ में मनरेगा मजदूरी दर बढ़ाने से मजदूरों में उत्साह
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 (मनरेगा) एक भारतीय श्रम कानून और सामाजिक सुरक्षा उपाय है जिसका उद्देश्य ‘कार्य करने का अधिकार’ है। इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों की रोज़गार प्रदान करने के लिए हर परिवार के लिए है, जिनके वयस्क सदस्य अकुशल मैनुअल काम करते हैं।
छत्तीसगढ़ में मनरेगा मजदूरी दर बढ़ाने से मजदूरों में उत्साह और बढ़ गया है। छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है,यहां खेती के बाद मजदूर मनरेगा के काम में जुड़ जाते हैं।
जिलासारंगढ़ के उपमुख्यालय कोसीर से महज 7,8 किलो मीटर दूर ग्राम पंचायत मल्दा अ मे मनरेगा के तहत तालाब गहरी करण का कार्य किया जा रहा है।
जिसमे हर दिन मजदूरी करने वाले मजदूरों की संख्या लगभग 195 से 200 के करीब मजदूर कार्य कर रहे हैं।
तालाब गहरी करण से गांव के लोगों को काफी राहत मिल रही है। गांव में ही काम मिलने से गांव के मजदूर काफी उत्साह के साथ काम करते नज़र आ रहे हैं।
मल्दा अ के ग्रामीणों का कहना है कि गांव में रोजगार गारंटी योजना के तहत तालाब गहरी करण का कार्य करवाया जा रहा है। जिससे सभी ग्रामवासी बहुत ही खुश है। जो हमें गांव में ही सरपंच, पंच,सचिव, और रोजगार सहायक के द्वारा रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।