वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में पुलिस स्टेशनों के लिए सहायता

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 by PIB Delhi वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) के खतरे से समग्र रूप से निपटने के लिए भारत सरकार ने 2015 में ‘एलडब्ल्यूई से निपटने के लिए राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना’ को मंजूरी दी थी। इसमें सुरक्षा सम्बंधी उपायों, विकास हस्तक्षेपों, स्थानीय समुदायों के अधिकारों और हकों को सुनिश्चित करने आदि से जुड़ी बहुआयामी रणनीति की परिकल्पना की गई है।

  • सुरक्षा के मोर्चे पर, भारत सरकार वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल बटालियन, प्रशिक्षण, राज्य पुलिस बलों को मजबूत करने के लिए धन, उपकरण और हथियार, खुफिया जानकारी साझा करना, किलेबंद पुलिस स्टेशनों का निर्माण आदि प्रदान करके सहायता करती है;
  • वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष अवसंरचना योजना (एसआईएस) के अंतर्गत, भारत सरकार द्वारा वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों को दी जाने वाली सहायता इस प्रकार है:
  1. विशेष बलों को सुदृढ़ बनाना,
  2. विशेष खुफिया शाखाओं को सशक्त करना,
  3. जिला पुलिस को सशक्त करना,
  4. किलेबंद पुलिस स्टेशनों (एफपीएस) का निर्माण
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जिला पुलिस और फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन के लिए राज्यों को दी जाने वाली सहायता का विवरण:

  • पिछले पांच वर्षों के दौरान जिला पुलिस के लिए 363.26 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं।
  • इस योजना के अंतर्गत 2017-18 से अब तक 759.51 करोड़ रुपये की लागत से 302 फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशनों को मंजूरी दी गई है।
  • विशेष अवसंरचना योजना कार्यान्वयन के लिए निधि का भुगतान 60  प्रतिशत केंद्र द्वारा और 40 प्रतिशत राज्य के अनुपात के आधार पर किया जाता है।
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गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही।


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