छतरपुर में किसान ने राम-जानकी मंदिर निर्माण के लिए दान की जमीन, हनुमान मंदिर परिसर में बनेगा भव्य मंदिर
छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में भक्ति और समर्पण का एक अद्भुत उदाहरण देखने को मिला है. लवकुश नगर से लगभग 10 किलोमीटर दूर गुधौरा गांव में स्थित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर के पास राम-जानकी मंदिर के निर्माण के लिए स्थानीय किसान वासुदेव तिवारी ने अपनी पैत्रिक जमीन दान कर दी. इस ऐतिहासिक कदम से अब मंदिर परिसर में भव्य राम-जानकी मंदिर का निर्माण किया जाएगा.
हनुमान मंदिर का धार्मिक महत्व
गुधौरा में स्थित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर जिले के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है. यहां हर मंगलवार और शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. यह मंदिर न केवल छतरपुर जिले के लोगों का आस्था केंद्र है, बल्कि उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से भी भक्त यहां दर्शन करने आते हैं.
राम-जानकी मंदिर निर्माण में आ रही थी बाधा
हनुमान मंदिर के परिसर में वर्षों से राम-जानकी मंदिर बनाने की योजना थी, लेकिन जमीन की कमी के कारण यह निर्माण अधूरा था. मंदिर के ट्रस्ट ने कई बार इस पर चर्चा की, लेकिन समाधान नहीं निकला. मंदिर के पास खाली जमीन होने के बावजूद इसे उपयोग में लाने में दिक्कतें थीं.
किसान ने दिखाई भक्ति और उदारता
गुधौरा के निवासी और खजुराहो में रहने वाले किसान वासुदेव तिवारी ने अपनी 0.5551 हेक्टेयर (लगभग 4 बीघा) जमीन राम-जानकी मंदिर निर्माण के लिए दान कर दी. इस जमीन की रजिस्ट्री उन्होंने हनुमान जी के नाम कराई. वासुदेव तिवारी के भाई राधा कृष्ण तिवारी ने बताया कि परिवार ने इस कदम को भक्ति और सेवा का प्रतीक मानकर उठाया.
उनका कहना है कि हनुमान मंदिर परिसर में राम-जानकी मंदिर का निर्माण न होने से श्रद्धालुओं को असुविधा होती थी. अब जमीन दान करने से मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है.
ग्रामीणों का सहयोग और खुशी
ग्रामीणों ने वासुदेव तिवारी के इस योगदान की सराहना की. उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण को लेकर हुई बैठक में जब जमीन की आवश्यकता की चर्चा हुई, तो तिवारी जी ने बिना शुल्क के अपनी जमीन दान करने का निर्णय लिया. अब मंदिर परिसर में भव्य राम-जानकी मंदिर का निर्माण शुरू होगा, जिससे श्रद्धालुओं को पूजा-अर्चना के लिए और अधिक सुविधाएं मिलेंगी.
चमत्कारी हनुमान मंदिर
यह हनुमान मंदिर अपनी चमत्कारी मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है. मंदिर में प्रतिदिन भक्तों का तांता लगा रहता है. खासतौर पर मंगलवार और शनिवार को यहां भक्तों की भारी भीड़ होती है.