खंडवा रोड पर एक मंदिर के बाहर भिक्षा देने के आरोप में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
23 जनवरी को खंडवा रोड पर एक मंदिर के बाहर भिक्षा देने के आरोप में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
इंदौरः मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक मोटर साइकिल चालक के खिलाफ एक भिखारी को कथित तौर पर 10 रुपये देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. हाल ही में इंदौर में भीख मांगने और भीख देने पर प्रतिबंध लगाया गया है और जो भी इस नियम-कानून को तोड़ेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पिछले दो सप्ताह में यह इस तरह का दूसरा मामला है. सोमवार को लसूड़िया पुलिस स्टेशन क्षेत्र में एक मंदिर के बाहर एक भिखारी को पैसे देने वाले एक अज्ञात मोटर चालक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक शिकायत प्रशासन की भिक्षावृत्ति उन्मूलन टीम के एक अधिकारी द्वारा दर्ज की गई थी. इस कानून के तहत, अपराधियों को एक साल तक की जेल, 5,000 रुपये का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ता है. इंदौर का लक्ष्य देश का पहला भिखारी-मुक्त शहर बनना है, जिसमें भीख मांगने, भिक्षा देने और भिखारियों से सामान खरीदने पर कानूनी प्रतिबंध होगा.
23 जनवरी को खंडवा रोड पर एक मंदिर के बाहर भिक्षा देने के आरोप में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई थी. भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल के एक अधिकारी फूल सिंह ने कहा कि पिछले छह महीनों में 600 से अधिक भिखारियों को आश्रय गृहों में भेजा गया है, जबकि लगभग 100 बच्चों को बाल देखभाल संस्थानों में रखा गया है. कई लोग ट्रैफिक सिग्नल पर गुब्बारे और छोटी चीजें बेचने की आड़ में भीख मांगते पाए गए.
इस पहल का समर्थन करने के लिए, प्रशासन ने भिक्षावृत्ति के बारे में जानकारी देने वाले को 1,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की है. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने भारत भर के 10 शहरों को भिखारी मुक्त बनाने के लिए एक पायलट परियोजना भी शुरू की है.
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