कानन पेंडारी जू में बर्ड फ्लू फैलने की आशंका को देखते हुए सीजेडए ने बाघ, तेंदुआ और शेर को आहार में दिए जाने वाले चिकन पर बैन लगा दिया है।

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दरअसल, रायगढ़ में बर्ड फ्लू फैलने के बाद बिलासपुर में इसे लेकर अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि, अभी यहां बर्ड फ्लू का संक्रमण नहीं मिला है। लेकिन, बीमारी के फैलने की आशंकाओं को एहतियात बरती जा रही है। इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए हर तरह के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। कोनी स्थित सरकारी कुक्कुट पालन प्रक्षेत्र के अधिकारी डा़ आरके गुप्ता का कहना है कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। लेकिन, यह बीमारी इंसानों में भी फैल सकती है, ऐसे में सावधानी बरती जा रही है। पोल्ट्री फार्म की जांच की जा रही है। यदि किसी पोल्ट्री फार्म में एक साथ कई म़ुर्गियों आदि की मौत होती है, तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा। इधर स्वास्थ्य विभाग को भी इस बीमारी को लेकर अलर्ट रहने के निर्देश हैं। प्राइवेट पोल्ट्री फार्म संचालकों को भी निर्देश बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित पोल्ट्री फार्म की जांच शुरू कर दी गई है। संचालकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि अगर असामान्य रूप से मुर्गियों की मौत होती है, तो इसकी तत्काल सूचना दी जाए। ताकि, ऐसे फार्म को सील कर सैंपल लेकर जांच कराई जा सके। अफसरों ने बताया कि प्राइवेट पोल्ट्री फार्म की जांच की जा रही है। किसी भी तरह की आशंका होने पर सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जाएगा। ताकि बर्ड फ्लू की हर आशंका को दूर किया जा सके। रेपिड रिस्पांस टीम बनी पशु चिकित्सा विभाग ने संक्रमण की आशंका को देखते हुए आठ सदस्यीय विशेष टीम का गठन किया है, जो जिले के पोल्ट्री फार्म और प्रवासी पक्षियों पर कड़ी नजर रखेगी। इसके अलावा, पोल्ट्री उत्पादों के वितरण और पक्षियों के बाजारों की भी निगरानी की जाएगी। विभाग ने पोल्ट्री किसानों और पक्षी पालकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। यदि किसी भी पोल्ट्री फार्म में पक्षियों की असामान्य मृत्यु होती है, तो इसकी सूचना तुरंत विभाग को देने के निर्देश दिए गए हैं। संभावित संक्रमण को रोकने के लिए जिले में सीरो सर्वे और निगरानी अभियान भी चलाया जाएगा। पर्यटकों से भी सावधानी बरतने की अपील कानन पेंडारी जूलाजिकल पार्क के अधीक्षक एसके लूथर ने बताया कि बर्ड फ्लू को देखते हुए कानन पेंडारी में सावधानी बरती जा रही है। इसमें वन्य प्राणियों को चिकन देने पर रोक लगा दी गई है। वहीं, पक्षियों के केज की सफाई के साथ विशेष निगरानी भी कराई जा रही है। इसके साथ ही जू प्रबंधन आने वाले पर्यटकों से भी सावधानी बरतने की अपील कर रहा है और उन्हें सलाह दे रहे हैं कि वह किसी भी पक्षी के शव को न छुएं और न ही किसी प्रकार का मांस खरीदें। हर बुधवार चिकन की होती है सप्लाई कानन पेंडारी जू मांसाहारी वन्य प्राणियों के लिए आहार तालिका बनी हुई है। इसके मुताबिक प्रत्येक बुधवार को 225 चिकन वन्य प्राणियों को दिया जाता है। अन्य दिनों में मटन देने का नियम है। हालांकि, जू में कुछ उम्रदराज बाघ व तेंदुआ है। जिन्हें आहार में चिकन ही दिए जाते हैं। इनके लिए प्रतिदिन 26 किलो चिकन आता है। लेकिन, बर्ड फ्लू को देखते हुए जू प्रबंधन ने इन्हें चिकन की जगह आहार में मटन देने का निर्णय लिया है।

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