निर्वाचन कानून का उल्लंघन करने पर मिल सकता है दंड

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सारंगढ़ बिलाईगढ़, / राजनैतिक दल और अभ्यर्थियों को निर्वाचन तिथि के घोषणा के साथ ही निर्वाचन परिणाम तक छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के कानून और नियमों का पालन करना अनिवार्य है, कानून का उल्लंघन करने पर उन्हें जुर्माना और दंड दोनो मिल सकता है।

धार्मिक स्थलों एवं भावनाओं का सहारा नहीं लिया जाए-

किसी भी राजनैतिक दल या उम्मीदवार को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे किसी धर्म, सम्प्रदाय या जाति के लोगों की भावना को ठेस पहुंचे या उनमें विद्वेष या तनाव पैदा हो। मत प्राप्त करने के लिए धार्मिक, साम्पद्रायिक या जातीय भावनाओं का सहारा नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी आराधना स्थल जैसे कि मन्दिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरूद्वारा आदि का उपयोग निर्वाचन प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

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व्यक्तिगत आलोचनाएं न की जाए-

किसी प्रत्याशी के व्यक्तिगत जीवन के ऐसे पहलुओं की आलोचना नहीं की जानी चाहिए जिनका संबंध उसके सार्वजनिक जीवन या क्रियाकलापों से न हो और ऐसे आरोप नहीं लगाये जाने चाहिए जिनकी सत्यता स्थापित न हुई हो।

राजनैतिक दल आलोचना, नीति और कार्यक्रम तक सीमित हो-

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किसी राजनैतिक दल की आलोचना, उसकी नीति और कार्यक्रम पूर्व इतिहास और कार्य तक ही सीमित रहनी चाहिए तथा दल और उसके कार्यकर्ताओं की आलाचना असत्यापित आरोपों पर आधारित नहीं की जानी चाहिए।

मतदाताओं को रिश्वत या प्रलोभन देना अपराध-

राजनैतिक दल और प्रत्याशी को ऐसे सभी कार्यों से परहेज करना चाहिए जो चुनाव के कानून के अंतर्गत भ्रष्ट आचरण और अपराध है। इनमें मतदाताओ को लुभाने के लिए विभिन्न प्रकार की सामग्रियां, शराब और रुपए बांटना शामिल है।

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चरित्र पर प्रभाव डालने वाले मिथ्या प्रचार नहीं करें-

किसी प्रत्याशी के निर्वाचन की संभावना पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के उद्देश्य से, उसके व्यक्तिगत आचरण और चरित्र या उम्मीदवारी के संबंध में ऐसे कथन या समाचार का प्रकाशन कराना जो मिथ्या हो या जिसके सत्य होने का विश्वास न हो।

चुनाव सामग्रियों में मुद्रक प्रकाशक और संख्या का उल्लेख हो

ऐसा कोई पोस्टर, ईश्तहार, पैम्प्लेट या परिपत्र निकालना जिसमें मुद्रक और प्रकाशक का नाम और पता नहीं हो, कानून का उल्लंघन है।


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