4 साल के बच्चे को जिंदा जलाने वाले आरोपी युवक की फांसी की सजा को हाईकोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया है।
केस में पहले ही यह खुलासा हुआ था कि, वारदात को अंजाम देने वाला पंचराम बच्चे की मां से प्यार करता था। मां को हासिल करना चाहता था। इसी मकसद से बच्चे को रास्ते से हटाने के लिए उसने 4 साल के हर्ष को किडनैप किया। घर से दूर ले गया और जिंदा जलाकर भाग गया। हाईकोर्ट ने कहा- यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर नहीं
हाईेकोर्ट ने पंचराम के अपराध को जघन्य मानते हुए कहा है कि उसने मासूम बच्चे की निर्ममता से हत्या की थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने कहा कि यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला नहीं है, जिसमें फांसी की सजा दी जाए। हाईकोर्ट ने फैसले में कहा है कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों में मृत्युदंड की सजा उचित नहीं है। हमारा विचार है कि यह दुर्लभतम मामला नहीं है जिसमें मृत्युदंड की बड़ी सजा की पुष्टि की जानी है। आजीवन कारावास पूरी तरह से पर्याप्त होगा और न्याय के उद्देश्यों को पूरा करेगा। आरोपी अब वह पूरी जिंदगी जेल में रहेगा।
हाईेकोर्ट ने पंचराम के अपराध को जघन्य मानते हुए कहा है कि उसने मासूम बच्चे की निर्ममता से हत्या की थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने कहा कि यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला नहीं है, जिसमें फांसी की सजा दी जाए। हाईकोर्ट ने फैसले में कहा है कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों में मृत्युदंड की सजा उचित नहीं है। हमारा विचार है कि यह दुर्लभतम मामला नहीं है जिसमें मृत्युदंड की बड़ी सजा की पुष्टि की जानी है। आजीवन कारावास पूरी तरह से पर्याप्त होगा और न्याय के उद्देश्यों को पूरा करेगा। आरोपी अब वह पूरी जिंदगी जेल में रहेगा।