सिद्धार्थ और विकास की कहानियां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2024 में सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से ग्राम स्तर के उद्यमियों की सफलता का उदाहरण हैं

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 by PIB Delhi

दिल्ली,,,,इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) में हॉल नंबर 14 में एक आकर्षक स्टॉल लगाया है। सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) द्वारा संचालित इस स्टॉल में ग्रामीण ई-स्टोर, सामान्य सेवा केंद्र अकादमी, डिजी-पे, आधार से जुड़ी सेवाओं और अन्य प्रमुख पहलों सहित डिजिटल और सामुदायिक सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गई है। इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य सामान्य सेवा केंद्र द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के बारे में जागरूकता फैलाना और अधिक से अधिक लोगों को अपने सशक्तिकरण के लिए इन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करना है।

स्टॉल के संचालन में समर्पित दो उद्यमी 

इस सामान्य सेवा केंद्र स्टॉल का नेतृत्व दिल्ली के दो समर्पित ग्राम स्तरीय उद्यमी- सिद्धार्थ और विकास कर रहे हैं। उनकी लगन और प्रतिबद्धता डिजिटल सेवाओं की परिवर्तनकारी शक्ति को दर्शाती है क्योंकि वे दूसरों के लिए उदाहरण बनकर समुदायों की सेवा करते हैं।

सिद्धार्थ: 22 वर्षीय दूरदर्शी उद्यमी

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22 वर्षीय उद्यमी सिद्धार्थ ने 2020 में अपना सीएससी केंद्र शुरू किया। दिल्ली के मंडावली से इसका संचालन करते हुए उन्होंने अपनी 12वीं कक्षा की शिक्षा पूरी की। इसके तुरंत बाद उन्हें अपने परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी संभालनी पड़ी। चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने सीएससी सेवाओं के माध्यम से हुई आय का उपयोग करके अपनी स्थिति में बदलाव लाया। आज सिद्धार्थ आधार पंजीकरण, डिजी-पे और ग्रामीण ई-स्टोर जैसी सेवाओं को बड़ी कुशलता से संचालित करते हैं। उनकी कहानी इस बात का प्रमाण है कि कैसे युवा सही अवसरों का लाभ उठाकर अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं।

विकास: दृढ़ता और सफलता की कहानी

50 वर्षीय विकास ने अपने जीवन में अनेक चुनौतियों पर विजय प्राप्त की हैं। बचपन में पोलियो से पीड़ित होने के कारण उन्हें चलने में कठिनाई होती है। हालांकि, इससे उनका दृढ़ संकल्प कभी कम नहीं हुआ और उन्होंने दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में अपना सीएससी केंद्र स्थापित किया। विकास की कहानी हमें यह सिखाती है कि शारीरिक अक्षमता किसी की प्रेरणा और सफलता की क्षमता में बाधा नहीं बन सकती हैं।

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अपने केंद्र के माध्यम से वह आधार पंजीकरण, डिजी-पे के माध्यम से सहज लेनदेन और अन्य सरकारी योजनाओं जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करते हैं।

सामान्य सेवा केंद्र स्टॉल: डिजिटल सशक्तिकरण का प्रतीक

भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार मेले में सामान्य सेवा केंद्र स्टॉल पर आने वाले आगंतुक ग्रामीण ई-स्टोर जैसी सुविधाओं का पता लगा सकते हैं, जिससे उत्पादों की खरीद और बिक्री आसानी से होती है। इसके साथ ही नकदी-रहित लेनदेन के लिए डिजी-पे और डिजिटल साक्षरता को बढ़ाने के लिए सामान्य सेवा केंद्र अकादमी के कार्यक्रम के बारे में भी यहां से जानकारी ली जा सकती है। सिद्धार्थ और विकास जैसे ग्राम स्तरीय उद्यमियों के प्रयास इस बात को रेखांकित करते हैं कि कैसे डिजिटल सेवाएं अंतर को पाट सकती हैं और प्रतिकूल परिस्थितियों में भी व्यक्तियों को सशक्त बना सकती हैं।

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समाज के लिए आदर्श

सिद्धार्थ और विकास की प्रेरणादायक यात्रा यह दर्शाती है कि डिजिटल सेवाएँ सिर्फ़ आजीविका के साधन नहीं हैं बल्कि समाज के हर वर्ग के उत्थान का माध्यम भी हैं। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें वित्तीय स्वतंत्रता और सामाजिक रुतबा हासिल करने की आकांक्षा रखने वाले अनगिनत लोगों के लिए रोल मॉडल बना दिया है।

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में सामान्य सेवा केंद्र का स्टॉल डिजिटल इंडिया पहल की सफलता का उदाहरण है जो देश के दूर-दराज के इलाकों तक भी पहुंच रहा है। सिद्धार्थ और विकास, अपनी उदारता और दृढ़ संकल्प के साथ, इस परिवर्तन के शानदार उदाहरण हैं।

उनकी कहानियां हमें सिखाती हैं कि अगर किसी के पास दृढ़ता और सही अवसर हों तो चुनौतियों के बावजूद सफलता हासिल की जा सकती है। सामान्य सेवा केंद्र की पहल न केवल डिजिटल समावेशिता को बढ़ावा देती है बल्कि पूरे देश में लोगों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनने के लिए प्रेरित करती है।


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