कोर्ट ने दी सजा-ए-मौत गिड़नैप कर जिंदा जलाया , दो बच्चों की माँ से एकतरफा इश्क ने ली मासूम की जान ।

खबर शेयर करें

रायपुर,, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के इंडस्ट्रियल एरिया उरला के बहुचर्चित हर्ष हत्याकांड में कोर्ट ने कठोर सजा सुनाई है। अदालत ने इस मामले में आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। आरोपी ने इंसानियत की सारी हदें पार करते हुए हैवानियत का नंगानाच  खेल खेला की। अंधे और एक तरफा प्रेम में वशीभूत होकर आरोपी ने ढाई साल पूर्व चार साल के मासूम हर्ष का अपहरण कर जिंदा जलाकर मार दिया। इस मामले में अदालत ने 38 वर्षीय पंचराम गेंड्रे को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। कोर्ट ने पिछले दिनों अपने फैसले में कहा कि अपराधी पंचराम ने हर्ष के साथ ही उसके बड़े भाई को भी जलाकर मारने की कोशिश की थी पर वह अपनी सूझ-बूझ से बच गया। वह दोनों को बहुला- फुसलाकर अपने साथ ले जा रहा था। उस दौरान बड़े भाई ने  उसके साथ जाने से मना कर दिया। इससे उसकी जान बच गई। आरोपी दो बच्चों की मां से एक तरफा प्रेम करता था, लेकिन महिला उससे बात नहीं करती थी। उसी को सबक सिखाने के लिए उसने दोनों बच्चे की हत्या करने की प्लानिंग रची। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ऐसे कृत्य करने वाले समाज में रहने लायक नहीं है, इसलिए इन्हें मृत्यु दंड दिया जाता है। इसे केस में फोरेंसिक रिपोर्ट, तकनीकी जांच और डीएनए टेस्ट के बाद आरोपी के कबूलनामे के साथ उसे मौत की सजा सुनाई गई है। मामले में आठ साल के दिव्यांश का बयान सबसे बेहद कारगर रहा। उरला के तत्कालीन टीआई भरत बरेठ के मुताबिक, उरला निवासी दोषी पंचराम मजदूरी करता था। वह अपनी मां के साथ रहता था। उसके पड़ोस में जयेंद्र चेतन का घर था। पंचराम का उसके घर आना-जाना था। इस दौरान जयेंद्र की पत्नी को वह चाहने लगा पर वह उसके बच्चों से नफरत करता था। महिला का प्यार पाने के लिए उसने दोनों बच्चों की हत्या करने की योजना बनाई। <span;>वह 5 अप्रैल 2022 को महिला के घर गया। उसे समय उसका पति काम पर गया था। पंचराम हर्ष और दिव्यांश को घूमाने के बहाने अपने साथ ले गया। दोनों भाइयों को वह करीब आधे घंटे तक उरला क्षेत्र में बाइक से घूमाते रहा। दोनों को नहाने के लिए नदी चलने के लिए कहा। इस पर दिव्यांश ने जाने से मना कर दिया और घर छोड़ने की बात कही। इस पर पंचराम दिव्यांश को घर छोड़कर दोबारा हर्ष को साथ लेकर चला गया। मामले दंपती की शिकायत पर सीसीटीवी कैमरे और मोबाइल लोकेशन पंचराम का पता लगा पता चला कि वह नागपुर में है। वहां छापा मारकर उसे पकड़ा गया। उसने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने हर्ष को जलाकर उसकी हत्या कर दी। घटना स्थल से हर्ष की बॉडी अवशेष मिले थे। डीएनए टेस्ट में सच साबित होते ही 19 लोग गवाह बनाए गए। दिव्यांश ही घटनाक्रम का प्रत्यक्षदर्शी था। उसने पूरी घटना के बारे में बताया। उसी के बयान पर कोर्ट ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है। 


खबर शेयर करें
इसे भी पढ़े..  10 साल के बच्चे के साथ अननेचुरल सेक्स का मामला सामने आया