बच्चे के लिए पिता की तपस्या, महाराष्ट्र से लोट-लोट कर जा रहे मां वैष्णो के दरबार; 8 महीने में पूरी होगी यात्रा
बुरहानपुर. जब व्यक्ति कुछ परेशानी में आ जाता है तो सबसे पहले उसे भगवान याद आते हैं. उन्हें भरोसा होता है कि भगवान मेरी मदद करेंगे और यह बात सच भी होती है. महाराष्ट्र के अमरावती में रहने वाले देवीदास का कहना है कि 4 साल पहले जब मेरे बच्चे को पतंग उड़ाते समय बिजली का करंट लग गया था. उसकी दिमाग की स्थिति बिगड़ गई थी. काफी दिन तक बीमार था. तब मैंने मन्नत मांगी कि वैष्णो देवी माता मेरे बच्चे को ठीक कर देंगी तो मैं लौटते हुए यात्रा करूंगा और 5 साल तक दर्शन करने के लिए आऊंगा.
उन्होंने बताया कि बच्चा ठीक हो गया. अब पिता ने यात्रा करना शुरू कर दी है. पिता 3 साल से लौटते हुए 8 महीने की यात्रा करते हुए मां वैष्णो देवी के दरबार में पहुंचकर दर्शन करते हैं और बच्चा स्वस्थ रहे इसकी कामना कर रहे हैं. आज बुरहानपुर पहुंचने पर सामाजिक संगठनों ने भी उनका पुष्प माला पहनकर स्वागत सम्मान किया और उनकी यात्रा सुखमय हो इसकी कामना की.
यात्रा करने वाले पिता ने दी जानकारी
लोकल 18 की टीम ने जब अमरावती में रहने वाले देवीदास फोकाट बताते हैं, ‘मेरा यह तीसरा साल है. मैंने इस तरह से यात्रा कर दर्शन करना शुरू कर दिया. मुझे पूरे अमरावती से कटरा वैष्णो देवी माता मंदिर तक पहुंचने में 8 महीने लगते हैं. इस कार्य के लिए मेरी बेटी वैष्णवी और ममेरा बेटा दुर्गेश दोनों मेरे सारथी बन जाते हैं, जो साइकिल पर सामान लेकर चलते हैं और मैं लौटते हुए यात्रा पूरी करने में लगा रहता हूं.
1 दिन में तीन से चार किलोमीटर की होती है यात्रा
भक्त देवदास का कहना है कि एक दिन में 3 से 4 किलोमीटर की यात्रा ही पूरी हो पाती है. मैं लोट लोट कर यात्रा पूरी करता हूं. लोगों का भी जन सहयोग मिलता है. पूरे 8 महीने की यह यात्रा होती है. मैं केवल चार महीने लोहारी का काम करता हूं. जिसके बाद 8 महीने भक्ति में लग जाता हूं.