टीचर नहीं ये तो है सुपरकॉप! अपराधियों में बसा है इनका खौफ, जानें सतना जीआरपी के राजेश राज की कहानी

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शिवांक द्विवेदी , सतना: सतना जीआरपी थाना प्रभारी राजेश राज का नाम आज पुलिस विभाग में एक मिसाल है. 29 साल की सेवा, जटिल मामलों का सटीक समाधान और अपराधियों में उनके नाम का खौफ—यह सब उनकी अद्वितीय कार्यशैली और साहसिक फैसलों का नतीजा है. उनकी कहानी शिक्षक से सुपरकॉप बनने तक की यात्रा को बखूबी बयान करती है.

शिक्षक से पुलिस अधिकारी बनने का सफर
राजेश राज ने अपने करियर की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में की. दो साल तक बच्चों को पढ़ाने के बाद, 1995 में उन्होंने पुलिस आरक्षक के पद के लिए आवेदन किया. पहले ही प्रयास में चयनित होकर उन्होंने जबलपुर जीआरपी थाने में अपनी पहली पोस्टिंग पाई. यहीं से उनकी प्रेरणादायक यात्रा शुरू हुई, जिसमें उन्होंने अपने जुनून और समर्पण से पुलिसिंग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया.

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29 साल की सेवा और खास कार्यशैली
22 वर्षों तक जबलपुर जीआरपी और एक साल गड़रवारा में सेवा देने के बाद, आठ महीने पहले राजेश राज ने सतना जीआरपी की कमान संभाली. उनकी अनोखी कार्यशैली और साहसिक फैसलों ने उन्हें सतना का “सुपरकॉप” बना दिया. हत्या, लूट, एसिड अटैक, गैंग रेप, और डकैती जैसे जटिल मामलों को उन्होंने कुशलता से सुलझाया. उनकी कार्यकुशलता और समर्पण ने सतना की सुरक्षा को मजबूत किया और उन्हें मध्य प्रदेश पुलिस का प्रमुख चेहरा बना दिया.

अपराधियों में खौफ, जनता में विश्वास
सतना जीआरपी में अपनी सेवा के दौरान राजेश राज ने कई हाई-प्रोफाइल मामलों को सुलझाया. हाल ही में सतना में हुई अंधी हत्याएं, 4 लूट और गैंग रेप जैसे मामलों को उन्होंने रिकॉर्ड समय में ट्रेस किया. उनकी तेज़ी और सूझबूझ से अपराधियों में उनके नाम का खौफ फैल गया है.

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सम्मान और उपलब्धियां
उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उन्हें 2022, 2023 और 2024 में भोपाल में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सम्मानित किया गया. उनकी तकनीकी दक्षता, तेज़ निर्णय लेने की क्षमता और जनता के प्रति समर्पण ने उन्हें पुलिस विभाग के सबसे सम्मानित अधिकारियों में शामिल किया.

समाज सेवा का जुनून
लोकल 18 से बातचीत में राजेश राज ने बताया कि पुलिसिंग उनके लिए सिर्फ एक नौकरी नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम है. उनका कहना है कि सिस्टम का हिस्सा बनकर लोगों की मदद करना और समाज को अपराधमुक्त बनाना उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य है. खेलों में गहरी रुचि रखने वाले राजेश राज ने लोगों की सलाह पर पुलिस विभाग को चुना और इसे जीवनभर के लिए अपना जुनून बना लिया.

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सतना की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान
सतना में राजेश राज का योगदान अमूल्य है. उनकी अगुवाई में सतना जीआरपी ने न केवल अपराधों पर लगाम लगाई, बल्कि जनता का विश्वास भी जीता. उनके नेतृत्व में सतना जीआरपी पुलिसिंग के नए मानदंड स्थापित कर रही है.

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