New Year 2025 : नए साल में अति प्राचीन महादेव की शरण में पहुंचेंगे भक्त! करेंगे महादेव का श्रृंगार…
खंडवा. नए साल पर खंडवा के श्रद्धालु, स्वयंभू महादेव के दर्शन करने पहुंचेंगे. वहां उनके अभिषेक कर नए साल में कामना करेंगे. खंडवा का महादेवगढ़ मंदिर काफी पुराना मंदिर है, जहां हजारों महिलाएं नए साल में जाकर पूजन-हवन पाठ करेंगी. नया साल अच्छा बीते इसकी कामना करेंगी. जानेंगे इस मंदिर की खासियत कि यहां क्यों इतने श्रद्धालु पहुंचते हैं…
महादेवगढ़ मंदिर की बात की जाए, तो महादेव गढ़ शिव मंदिर टीन शेड में है. यहां प्राचिन मंदिर के अवशेष भी हैं. मुख्य रूप से पत्थर से उत्कीर्ण किया हुआ शिवलिंग है. प्राचीनता को दर्शाता हुआ खंभा भी है, जिसे सहेज कर रखा गया है. शिवलिंग और खंडित नंदी की प्रतिमा परमार काल के कलाओं की याद करवाती है. यहां मंदिर में विराजमान भगवान शिवलिंग को लेकर भक्तों की अटूट आस्था हैं, क्योंकि यहां मांगी हर मुराद पूरी होती है.
चमत्कारिक है मंदिर का इतिहास
महादेव गढ़ मंदिर संरक्षक अशोक पालीवाल ने बताया कि यह एक अतिप्राचीन मंदिर है. यह चमत्कारित मंदिर है. वैसे नया साल कैलेंडर के हिसाब से आया है, लेकिन हिन्दू धर्म के अनुसार नया वर्ष गुड़ी पड़वा को ही मनाया जाता है. हालांकि आजकल नया वर्ष मनाने की पद्धति बदल दी हैं. हमारा समाज भी धार्मिक स्थल और तीर्थ स्थल पर जाना पसंद करता है. तीर्थ नगरी ओमकारेश्वर में भी लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जाती है और कई धार्मिक स्थलों पर भीड़ जमा होना शुरू हो चुकी है. ठीक वैसे ही महादेवगढ़ में भी भगवान के दर्शन के लिए कई हजारों भक्त आते हैं. इसके साथ ही दादाजी मंदिर में भी भक्त दर्शन के लिए जाते हैं. धार्मिक तरीके से इस समय अंग्रेजी नव वर्ष को हमारे समाज ने मनाना शुरू कर दिया है.
सदियों प्राचीन है यह मंदिर
यह मंदिर 12वीं शताब्दी का मंदिर है. यहां स्वयंभू भगवान भोलेनाथ विराजमान हैं. 2013 के पहले इस स्थान को कोई नहीं जानता था, लेकिन भगवान की ऐसी कृपा रही की आज दूर-दूर से भक्त भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए आते हैं. इस मंदिर में लाखों अरबों बार मंत्र का उच्चारण किया गया है. जबसे भगवान भोलेनाथ का यहां प्राकट्य हुआ है तभी से निमाड़ में सुख शांति और समृद्धि बढ़ी है.