Guna Rescue: जिंदगी की जंग हार गया सुमित, बोरवेल में गिरे बच्चे की मौत, 15 घंटे चला था रेस्क्यू ऑपरेशन
संदीप दीक्षित
गुना. मध्य प्रदेश के गुना जिले के पीपल्या गांव के बोरवेल में 10 साल का बच्चा गिर गया था. बोरवेल में फंसे 10 साल के बच्चे को जिला प्रशासन और बचाव दलों की टीमों ने रविवार तड़के बाहर निकाल लिया, लेकिन जिला अस्पताल में उपचार के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया. इसके बाद अस्पताल में मौजूद जिला प्रशासन के अधिकारी और बच्चे का उपचार करने वाले चिकित्सक भी भावुक नजर आए. गड्ढे में फंसे रहने के दौरान सुमित के हाथ-पैर रातभर पानी में डूबे रहे. उसकी गर्दन पानी से बाहर नजर आ रही थी, लेकिन मुंह में मिट्टी भर गई थी. बोरवेल से बाहर आते ही सुमित को गंभीर हालत में फौरन जिला अस्पताल लाया गया था. गुना सीएमएचओ डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर की अगुवाई में आधा दर्जन चिकित्सकों ने सुमित का उपचार शुरू किया, लेकिन कुछ ही देर की निगरानी के बाद सुमित की मौत हो गई.
बताया जा रहा है कि रातभर पानी में फंसे रहने की वजह से सुमित के हाथ-पैर सुन्न हो गए थे. सर्दी की वजह से उसका शरीर सिकुड़ गया था. सीएमएचओ डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर ने सुमित मीणा के निधन की पुष्टि कर दी है. मालूम हो कि बच्चे के बोरवेल में गिरने के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई थी. लोगों ने सबसे पहले जिला प्रशासन को हादसे की सूचना दी थी. इसके बाद एसडीएम विकास कुमार आनंद पुलिस और एक स्थानीय टीम को लेकर मौके पर पहुंचे. बोरवेल का गड्ढा काफी गहरा होने की वजह से एसडीईआरएफ को बुलाया गया, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली.
बच्चे को बचाने की कोशिश करते रहे जवान
हादसे की जानकारी मिलते ही गुना कलेक्टर डॉ. सतेंद्र सिंह, एसपी संजीव कुमार सिन्हा और जिला पंचायत सीईओ प्रथम कौशिक भी मौके पर पहुंचे. फिर एनडीआरएफ की टीम को मदद के लिए बुलाया गया. आईजी गौरव राजपूत के नेतृत्व में देर शाम पीपल्या पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने बोरवेल के समानांतर एक गड्ढा खोदना शुरू किया. सुमित मीणा को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ के 31, एसडीईआरएफ के 16 जवान सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मशक्कत करते रहे. इस दौरान 8 भारी-भरकम मशीनों का भी इस्तेमाल किया गया. रातभर चले रेस्क्यू के दौरान एनडीआरएफ, एसडीईआरएफ, पुलिस और ग्रामीणों के संयुक्त प्रयास से रविवार तड़के सुमित मीणा को बोरवेल के गड्ढे से बाहर निकाल लिया गया था.
3 बहनों का सबसे छोटा भाई है सुमित
तीन बहनों का लाड़ला सबसे छोटा भाई सुमित मीणा जैसे ही बोरवेल के गड्ढे से बाहर आया, परिजनों ने उसे कलेजे से लगा लिया था. ग्रामीणों ने कलेक्टर, एसपी और बचाव दलों का आभार जताया. करीब 15 घंटों से बोरवेल में फंसे रहने के चलते सुमित मीणा को उपचार और निगरानी के लिए कलेक्टर डॉ. सतेंद्र सिंह के निर्देश पर जिला अस्पताल भेजा गया. सुमित के बाहर आने की खबर मिलते ही पीपल्या गांव में उत्साह का माहौल देखा जा रहा था.