108 एम्बुलेंस चालकों की मनमानी खत्म होगी, हर घटना पर स्मार्ट सिटी से होगी निगरानी, सागर प्रशासन करेगा कंट्रोल
सागर. शहर से दूर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले गरीब वंचित शोषित वर्ग के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं समय से मिल सकें. इसके लिए सरकार के द्वारा जननी एक्सप्रेस और 108 एंबुलेंस चलाने जैसे योजनाएं लागू की गई, लेकिन सागर जिले में इन वाहनों को चलाने वाले चालकों के द्वारा मनमानी की जाती है, जिसकी जिला प्रशासन के पास लगातार शिकायते आ रही थीं. ऐसे में व्यवस्था में सुधार लाने जिला प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लिया है. अब जिले में संचालित होने वाली 108 एंबुलेंस को स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमान सेंडर से कनेक्ट किया जा रहा है. इन एंबुलेंस की सीधी मॉनिटरिंग की जाएगी, जिसकी वजह से एंबुलेंस चालक कोई भी बहाना नहीं चलेगा.
दरअसल सागर जिले में लगातार 108 एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचने वाले मरीज और उनके परिजनों के द्वारा इस तरह की शिकायते की जा रही थी कि अगर एम्बुलेंस आधा घंटे पहले आ जाती तो मेरे परिजन की जान बच जाती, अगर एंबुलेंस आ जाती, तो ऑटो में बच्चों की डिलीवरी नहीं होती. जबकि सूत्रों के द्वारा यह बताया गया कि सरकारी एंबुलेंस में भी चालक प्राइवेट काम कर देते हैं, जिसमें जीपीएस डिस्कनेक्ट कर देते या फर्जी कॉल करा लेते हैं. राजधानी से आने वाले कॉल को भी सही लोकेशन नहीं बताते जिसकी वजह से मरीज तक पहुंचने में कभी-कभी इनको देरी हो जाती हैं.
सागर नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री ने बताया जिन गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगा होता है उनकी मॉनिटरिंग हम इंटीग्रेटेड तरीके से कर पाते हैं कंट्रोल कमांड सेंटर से हम उन चीजों की मॉनीटरिंग कर पा रहे हैं जिनमें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगी है. इसमें एंबुलेंस को जोड़ा हुआ है. कचरा वाहन को जोड़ा है. सिटी बसों को भी जोड़ा गया है. इसके अलावा जो शहर की ट्राफिक पॉइंट है, उनकी निगरानी आई ट्रिपल सी के माध्यम से की जा रही है.