गणतंत्र दिवस पर पीएम मोदी से मिलेंगे रामलोटन कुशवाहा, परेड ग्राउंड में होंगे सम्मानित

खबर शेयर करें

 

सतना के औषधीय पौधियों के जानकार रामलोटन कुशवाहा को 26 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और परेड ग्राउंड में सम्मानित होने का मौका मिलेगा. पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में उनकी दुर्लभ औषधीय पौधों की तारीफ की थी.

सतना: गणतंत्र दिवस पर सतना जिले के अतरबेदीया गांव के रामलोटन कुशवाहा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और परेड ग्राउंड में सम्मानित होने का मौका मिलेगा. रामलोटन अपने बगीचे में दुर्लभ औषधीय पौधों को उगाने के लिए जाने जाते हैं. यह सम्मान उन्हें उनके अनोखे प्रयासों और जैव विविधता के संरक्षण में दिए योगदान के लिए दिया जा रहा है.

इसे भी पढ़े..  Paper Leak: NEET, UP Police, UPPSC से लेकर BPSC तक...किन-किन परीक्षाओं को लेकर मचा रहा हंगामा

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जून 2021 को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में रामलोटन कुशवाहा का जिक्र किया था. पीएम मोदी ने रामलोटन के बगीचे में लगे 250 से अधिक औषधीय पौधों की सराहना करते हुए कहा था, “देशवासियों को रामलोटन जी से प्रेरणा लेकर ऐसे प्रयोग करने चाहिए. इससे आमदनी भी बढ़ेगी और स्वास्थ्य लाभ भी होगा.”

इसे भी पढ़े..  New Year: MP में यहां था डाकुओं का खौफ..अब पिकनिक स्पॉट, 2000 फीट ऊपर सेलिब्रेट करें न्यू ईयर

 

दुर्लभ औषधीय पौधों का अनूठा संग्रह
रामलोटन कुशवाहा ने अपने घर को एक सुंदर नर्सरी का रूप दिया है, जहां दुर्लभ औषधीय पौधे उगाए जाते हैं. वे जैव विविधता के संरक्षण पर पद्मश्री बाबूलाल दहिया के साथ काम कर रहे हैं. गुरु- शिष्य जैसा रिश्ता रखने वाले रामलोटन कुशवाहा और बाबूलाल दहिया इस मिशन में मिलकर कार्य कर रहे हैं.

 

सरकार उठाएगी सभी खर्चे
रामलोटन के साथ बाबूलाल दहिया के पुत्र सुरेश दहिया भी इस दौरे में सहयोगी के रूप में शामिल होंगे. सरकार ने उनके 3 दिन के इस दौरे का पूरा खर्च उठाने की व्यवस्था की है.

इसे भी पढ़े..  भगवान ने इस गरीब किसान की सुन ली! सिंचाई और कीटनाशक के लिए नहीं थे पैसे, रिमझिम बारिश से लहलहा उठी फसल...

 

‘मन की बात’ के बाद भी नहीं बदली स्थिति
लोकल 18 से बात करते हुए रामलोटन ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा उनके काम को सराहने के बाद भी उनके जीवन में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया. उन्होंने प्रशासन से अपनी दुर्लभ फसलें उगाने के लिए थोड़ी भूमि मांगी थी लेकिन उसमें भी उनके हाथ निराशा ही लगी.

 

Source link


खबर शेयर करें