साइबर ठगों के बड़े नेटवर्क में शामिल आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है। ये आरोपी साइबर ठगों के लिए म्यूल बैंक अकाउंट उपलब्ध कराते थे।
By Admin February 27, 2025बिलासपुर में साइबर ठगों के बड़े नेटवर्क में शामिल कुछ आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है। ये आरोपी साइबर ठगों के लिए म्यूल बैंक अकाउंट उपलब्ध कराते थे। इसके साथ ही साइबर ठगों को मोबाइल सिम भी उपलब्ध कराते थे। इनके ऐसे 60 बैंक अकाउंट की पहचान की गई है, जिसमें 3 करोड़ से अधिक का ट्रांजैक्शन हुआ है। पुलिस ने जांच के बाद बैंक कर्मी, कारोबारी सहित 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही उनके खातों में जमा 97 लाख रुपए को होल्ड कराया है। बैंक खाता और सिम कार्ड उपलब्ध कराने के लिए साइबर ठग उन्हें 25 हजार रुपए से 1 लाख रुपए तक कमीशन देते थे। एडिशनल एसपी राजेंद्र जायसवाल ने बताया कि इस गिरोह के सदस्य ऑनलाइन लोन, केवाईसी अपडेट, नौकरी और शेयर ट्रेडिंग का झांसा देने के साथ ही सेक्सटॉर्शन के जरिए लोगों से ठगी करते थे। यह नेटवर्क दिल्ली और अलवर तक फैला हुआ था। नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल के जरिए निगरानी दरअसल, साइबर फ्रॉड के केस पर नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल के जरिए निगरानी की जा रही है। जिसकी जांच में 300 से ज्यादा फर्जी बैंक अकाउंट और सिम कार्ड का पता चला है। जिसे नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर संदिग्ध पाए गए बैंक खातों की पहचान कर उसे म्यूल बैंक अकाउंट बताया गया है। रेंज से संबंधित ऐसे बैंक खातों की जांच के दौरान पीड़ितों से संपर्क कर घटना के संबंध में जानकारी ली गई। इसके बाद मनी म्यूल बैंक अकाउंट्स और फर्जी सिम कार्ड बेचने वाले पीओएस एजेंट के जरिए आरोपियों तक पहुंचने की योजना बनाई गई। 10 टीमों ने 20 जगहों पर एक साथ की छापेमारी साइबर अपराधियों की मदद करने वालों को पकड़ने के लिए आईजी डॉ. संजीव शुक्ला की मॉनिटरिंग में एसपी रजनेश सिंह के निर्देशन में ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें 10 टीमों ने 20 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। रेंज साइबर थाने और एसीसीयू टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए फर्जी बैंक खातों को सीज किया। इस दौरान टीम ने पीओएस फर्जी सिम बेचने वाले दुकानदार, कोटक महिंद्रा और एक्सिस बैंक के कर्मचारी समेत 19 लोगों को गिरफ्तार किया है। अमन-अमित को रोज मिलता था टारगेट पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराने वालों में सबसे ज्यादा एक्टिव कोटा का अमन तिवारी और जयरामनगर का अमित पाल था। इन दोनों को रोज सुबह वाट्सएप मैसेज के माध्यम से बैंक खाते और सिम कार्ड के लिए टारगेट दिया जाता था। इसके एवज में दोनों को बैंक अकाउंट ब्लॉक होते तक एक खाते के हिसाब से हर दिन दो हजार रुपए मिलते थे। दूसरे राज्यों में 25 हजार से 1 लाख इसलिए शामिल किए गए बिलासपुर के युवक सीएसपी निमितेश सिंह ने बताया कि दूसरे राज्यों में बैंक खाता उपलब्ध कराने वालों को साइबर ठग मोटी रकम देते हैं। छत्तीसगढ़ में उनका काम सस्ते में हो रहा था। यहां उनसे जुड़े लोगों को ठग रोज सुबह नए अकाउंट और मोबाइल नंबर उपलब्ध कराने पर बैंक खाते के लिए एक हजार से दो हजार और सिम के लिए 500 से 1000 रुपए देते थे। जबकि, दूसरे राज्यों में सेविंग बैंक खाते के लिए 25 हजार और करंट अकाउंट पर 1 लाख रुपए देना पड़ रहा था। अब जानिए क्या है म्यूल एकाउंट दरअसल, साइबर ठगी करने वाले ठगी से वसूली गई रकम अपने बैंक खातों में जमा नहीं कराते, इसके लिए वे दूसरों के बैंक अकाउंट का उपयोग करते हैं। इसके एवज में खातेदार को मोटी रकम दी जाती है। बैंक अकाउंट, डिजिटल वॉलेट या अन्य वित्तीय माध्यमों का उपयोग साइबर अपराधी ठगी की रकम या अवैध धन को एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर करने में करते हैं। ठगी की रकम को ठिकाने लगाने के लिए उनको बैंक खाते या वॉलेट की जरूरत पड़ती है। इसके लिए ठग मनी म्यूल बनाते हैं। किसी व्यक्ति को पैसा नौकरी, इनाम या निवेश का लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं। इस तरह से ठगी का पैटर्न अपनाते हैं साइबर ठग जांच के दौरान पुलिस को खातों में डिजिटल अरेस्ट, शेयर ट्रेडिंग, फर्जी एप, क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्टमेंट, गूगल रिव्यू टॉस्क, टेलीग्राम टॉस्क, बैंक केवाईसी अपडेट और गूगल सर्च जैसे साइबर अपराध से ली गई रकम जमा होने की जानकारी मिली। ठगी के बाद रकम संबंधित खातों में लेने के बाद दूसरी जगह ट्रांसफर की गई। इन खातों में दिल्ली, झारखंड के जामताड़ा, राजस्थान के अलवर समेत विभिन्न जगहों से रुपयों का लेनदेन हुआ है। केस वन… रेंज साइबर पुलिस ने 48 लाख 42 हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत 3 आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। गिरोह के सदस्य लैप्स बीमा पॉलिसी और निवेश में फंसे पैसे दिलाने के बहाने अपना शिकार बनाकर ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर कराते थे। सारंगढ़ के सुभाष चंद्र (62) ने रेंज साइबर थाने में धोखाधड़ी की शिकायत की। उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल कर इंश्योरेंस पॉलिसी का पैसा वापस दिलाने का झांसा दिया गया। इस दौरान अलग-अलग फॉर्मेलिटी कराने के साथ ही अनापत्ति प्रमाणपत्र के नाम पर 48 लाख 42 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कराए गए। जिस पर केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की और तकनीकी जांच के बाद आरोपियों तक पहुंच गई। केस टू… साइबर रेंज ने ठगी का खुलासा करते हुए गिरोह के मास्टरमाइंड को पकड़ा है। मास्टरमाइंड चिराग ठाकोर को गुजरात से गिरफ्तार किया है। गिरोह के सदस्यों ने शेयर ट्रेडिंग के बहाने रायगढ़ जिले के व्यापारी से 42 लाख रुपए की ठगी की थी। धरमजयगढ़ निवासी आनंद अग्रवाल (45 साल) को स्टॉक एक्सचेंज में शेयर खरीदने पर 3 करोड़ 48 लाख रुपए कमाने का झांसा दिया गया था। केस थ्री… बिलासपुर में रिटायर्ड तहसीलदार का न्यूड VIDEO वायरल करने की धमकी देकर ठगों ने 10 लाख रुपए वसूली कर ली, जिसके बाद सेक्सटॉर्शन के शिकार रिटायर्ड तहसीलदार ने पुलिस में केस दर्ज कराया। 2 माह बाद अब पुलिस ने इस केस में राजस्थान के 3 ठगों को गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से पुलिस ने मोबाइल, बैंक पासबुक भी जब्त किया है। पूरा मामला कोनी थाना क्षेत्र का है। केस फोर… ऐसे ही बिलासपुर में बटालियन का एक आरक्षक फेक वीडियो कॉल में फंस गया और तीन लाख 16 हजार रुपए की ठगी का शिकार हो गया। उसके मोबाइल पर किसी लड़की के नाम से वीडियो कॉल आया, जिसे रिसीव करने के बाद उसे न्यूड होने के लिए बहकाया गया। इसके बाद कथित युवती ने उसका न्यूड वीडियो बना लिया और उसे वायरल करने की धमकी देने लगी। इसके बाद सोशल मीडिया में वायरल वीडियो डिलीट करने के बहाने उससे साइबर क्राइम के अफसर बनकर ठगों ने तीन लाख 16 हजार रुपए वसूल लिए। फिलहाल आरक्षक की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। मामला कोनी थाना क्षेत्र का है। ठगों से बचने के उपाय साइबर अपराधी मनी म्यूल का इस्तेमाल ठगी की रकम को छिपाने के लिए करते हैं। वे किसी व्यक्ति को नौकरी, इनाम या निवेश का लालच देकर उसे अपने जाल में फंसा लेते हैं। मनी म्यूल अपनी अकाउंट से अवैध धन को दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करता है, जिससे अपराधियों की पहचान छिपी रहती है। मनी म्यूल पर मनी लॉन्ड्रिंग के तहत होगी कार्रवाई अगर आप मनी म्यूल बन जाते हैं, तो आपको मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप का सामना करना पड़ सकता है। आपके बैंक खाते और संपत्तियों को जब्त किया जा सकता है, और आप पर जेल या जुर्माना लगाया जा सकता है, भले ही आपने अनजाने में यह अपराध किया हो। धारा 3(5) बी.एन.एस. के तहत मनी म्यूल भी मुख्य अपराधी के बराबर जिम्मेदार माना जाएगा।