बुरहानपुर में स्वच्छता रैंकिंग की तैयारी, नगर निगम के दावों के बीच आधा दर्जन वार्डों में गंदगी का आलम
मोहन ढाकले/बुरहानपुर: स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंकिंग हासिल करने के लिए मध्य प्रदेश के जिले जोर-शोर से सफाई अभियान चला रहे हैं. बुरहानपुर नगर निगम भी अपने शहर को स्वच्छ और साफ-सुथरा बनाने के बड़े-बड़े दावे कर रहा है. लेकिन जमीनी हकीकत इससे काफी अलग है. शहर के आधा दर्जन वार्डों में गंदगी और अव्यवस्था का आलम है, जहां नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बहता है और सफाई के नाम पर कोई काम नहीं दिखता.
सफाई के दावों की हकीकत
नगर निगम द्वारा सफाई अभियान की योजना बनाई गई है, जिसमें शहर को स्वच्छता रैंकिंग में ऊपर लाने की बात कही गई है. हालांकि, शहर के लोहार मंडी, दाउदपुरा, बुधवारा चौराहा, आलमगंज, राजपुरा, और शिकारपुरा जैसे वार्डों में सफाई की स्थिति बेहद दयनीय है.
नालियों का गंदा पानी सड़कों पर: इन वार्डों में गंदे पानी का बहाव न केवल सड़कों पर दिखाई देता है, बल्कि यह आम लोगों और स्कूली बच्चों के लिए बड़ी समस्या बन चुका है.
सफाई की कमी: स्थानीय निवासियों के अनुसार, इन इलाकों में हफ्तों तक सफाई नहीं होती.
स्थानीय निवासियों की शिकायत
लोकल 18 की टीम ने लोहार मंडी में ग्राउंड रिपोर्ट करते हुए स्थानीय निवासी हमिद डायमंड से बात की.
हमिद ने कहा कि आप खुद तस्वीरों में देख सकते हैं कि यहां कितने दिनों से सफाई नहीं हुई है. नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बहता है और लोग शिकायत करने के बाद भी इसे साफ नहीं कराते. स्कूली बच्चों से लेकर आम लोग तक इस गंदगी से परेशान हैं.
निवासियों ने कई बार नगर निगम में शिकायत की, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई.
प्रभावित क्षेत्र
बुरहानपुर के कई वार्डों में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है. इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
लोहार मंडी: नालियों का पानी सड़कों पर बहता है.
दाउदपुरा: सफाई नहीं होने से गंदगी फैली हुई है.
बुधवारा चौराहा: यहां की सड़कों पर जलभराव की समस्या आम है.
आलमगंज: गंदगी और दुर्गंध से लोग परेशान हैं.
राजपुरा: सफाई के अभाव में कचरे का ढेर लगा रहता है.
शिकारपुरा: यहां की सफाई व्यवस्था भी दयनीय है.
नगर निगम का प्रयास और चुनौतियां
बुरहानपुर नगर निगम स्वच्छता अभियान को लेकर बड़े प्रयास करने का दावा कर रहा है.
सर्वेक्षण की तैयारी: शहर को स्वच्छता रैंकिंग में ऊपर लाने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं.
चुनौतियां: हालांकि, सफाई कर्मचारियों की कमी और खराब प्रबंधन इन प्रयासों को विफल कर रहे हैं.
स्वच्छता का महत्व और आवश्यक कदम
स्वच्छता सिर्फ रैंकिंग के लिए नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भी जरूरी है.
नियमित सफाई अभियान: प्रत्येक वार्ड में सफाई का नियमित शेड्यूल बनाया जाए.
जनता की भागीदारी: निवासियों को भी सफाई अभियान में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाए.
शिकायत निवारण: शिकायतों का तत्काल निवारण सुनिश्चित किया जाए.
संसाधन वृद्धि: सफाई कर्मचारियों और उपकरणों की संख्या बढ़ाई जाए.