मकर संक्रांति पर खास मिठाई, साल में एक दिन खाई जाती है गढ़िया गुल्ला और तिल के लड्डू, बुंदेलखंड से जुड़ी है परंपरा

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Makar Sankranti Special Sweets: मकर संक्रांति पर छतरपुर जिले की खास मिठाई का खास महत्व है, जिसे इस त्यौहार के दौरान ही बेचा जाता है. मकर संक्रांति के पहले तिल के लड्डू और बेसन के खुरमी जैसे व्यंजन बनाए जाते हैं.

Makar Sankranti Food. मकर संक्रांति एक ऐसा त्यौहार है, जो पूरे देश में मनाया जाता है. भारत के अलग-अलग हिस्सों में इसे मनाने के अनोखे और अलग-अलग तरीके देखने को मिलते हैं. मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में भी मकर संक्रांति मनाने का एक अनोखा तरीका है. हर साल इस अवसर पर जिले भर के बाजारों में यह खास मिठाई बेची जाती है.

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टटम के हॉट बाजार में बेच रहे महाराजपुर निवासी रितेंद्र चौरसिया बताते हैं कि ये मिठाइयाँ विशेष रूप से त्यौहार के लिए बनाई जाती हैं और साल के इसी समय में बेची जाती हैं. मकर संक्रांति पर्व के दिन लोग मशहूर मिठाई गढ़िया गुल्ला खाते हैं, जो इस इलाके में काफी लोकप्रिय है. अभी बाजार में इसे 60 से 70 रुपए किलो बेच रहे हैं. मांग के अनुसार भाव इससे कम या ज्यादा भी हो सकता है.

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कुछ ही दिन बाजार में बिकता है 
गढ़िया गुल्ला लगभग 6 दिनों तक ही बाजारों में बिकता है. इसके बाद यह मिठाई बाजारों से गायब हो जाती है और मिठाई की दुकानों पर भी कम ही दिखाई देती है. बुंदेलखंड क्षेत्र में इस मिठाई की परंपरा सालों से चली आ रही है.

 

बसंत पंचमी के दिन भी खाया जाता है 
मकर संक्रांति पर्व के पहले घरों में तिल के लड्डू के साथ बेसन के खुरमी और भी व्यंजन बनाए जाते हैं. फिर मकर संक्रांति के दिन स्नान करने के बाद गढ़िया गुल्ला खाया जाता है. पूजा के दौरान कई व्यंजनों के साथ गढ़िया गुल्ला को इसी दिन कपड़े में बांधकर रख लिया जाता है फिर इसे बसंत पंचमी की पूजा होने के बाद खोला जाता है.

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