जालना प्लॉट धोखाधड़ी मामले में निवेशकों ने पुलिस से कार्रवाई करने का आग्रह किया
जालना: कई साउथ मूवीज में जमीन धोखाधड़ी के स्कैम्स देखने को मिलते हैं. कुछ ऐसा ही जालना में हुआ है. जालना तालुका के सिद्धी कलेगांव और हड़प सावर्गांव में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें लगभग 900 लोगों को नकली NA (Non-Agricultural) दिखाकर प्लॉट बेचकर ठगा गया. इसने निवेशकों के बीच हलचल मचा दी है और पुलिस को भी उलझन में डाल दिया है. इसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी से पैसा वापस दिलाने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है और मामला ‘इरेगुलर डिपॉजिट स्कीम्स प्रोहिबिशन एक्ट’ के तहत दर्ज किया गया है.
नकली लाइसेंस बनाकर प्लॉट्स की बिक्री
दरअसल, सिद्धी कलेगांव और हड़प सावर्गांव के 84 और 85 नंबर के मौजे ग्रुप्स में बिना सरकार का NA लाइसेंस लिए नकली गैर-कृषि लाइसेंस (Fake non-agricultural license) बनाकर प्लॉट्स बेचे गए थे. इन प्लॉट्स का गैर-कृषि लाइसेंस लोगों को असली दिखाने की कोशिश की गई और नकली NA लाइसेंस के आधार पर इन प्लॉट्स को बेचा गया, वह भी बिना किसी अनुमति के किस्तों में पैसे लेकर. इस मामले की शिकायत जालना तहसील कार्यालय के डिप्टी तहसीलदार देविदास माधवराव खरातवकर ने पुलिस स्टेशन, तालुका जालना और मौजपुरी में दर्ज कराई.
दोषियों पर मामला दर्ज
17/12/2024 और 10/12/2024 को कुचर्वट्टा, पुराने जालना के शेख मुश्ताक शेख अमीर और शेख आसिफ शेख अमीर के खिलाफ पुलिस स्टेशन में मामले दर्ज किए गए. प्राथमिक जांच में यह पाया गया कि शेख मुश्ताक और शेख अमीर ने नकली NA बनाकर और बिना किसी अनुमति के प्लॉट्स देने का झांसा देकर जनता को बड़े पैमाने पर धोखा दिया. इसके बाद, धोखाधड़ी से पीड़ित लोगों की मांग पर, केंद्रीय सरकार ने धोखाधड़ी की राशि वापस दिलाने के लिए योजना बनाई है.
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इस संबंध में असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर मिथुन घुगे ने जानकारी दी कि मौजे सिद्धी कलेगांव ग्रुप नंबर 166 और मौजे सावर्गांव हड़प ग्रुप नंबर 84 और 85 में जिन्होंने प्लॉट खरीदी और धोखा खाया है, उन्हें जांच अधिकारी (Investigating Officer) से संपर्क करना चाहिए. साथ ही अपने सभी दस्तावेज जैसे रसीद, एग्रीमेंट, इसार रसीद, सेल स्लिप्स आदि लेकर जांच अधिकारी से संपर्क करें.