राजस्थान के सुपरिटेंडेंट, स्टूडेंट्स के रूम में कर्मचारियों का कब्जा, चौंका देगी राजगढ़ के इस हॉस्टल की सच्चाई –
राजगढ़ के पपडेल जूनियर बालक हॉस्टल में काफी अव्यवस्थाएं है. सुपरिटेंडेंट राजस्थान के हैं और अक्सर नदारद रहते है. छात्रावास में काफी गंदगी भी है.
राजगढ़. मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के पपडेल जूनियर बालक हॉस्टल में छात्रों का भविष्य फिलहाल खतरे में है. वजह है सुपरिटेंडेंट. पपडेल बालक छात्रावास के सुपरिटेंडेंट राजस्थान के रहने वाले हैं. उनकी पोस्टिंग मध्य प्रदेश में है. हॉस्टल में अव्यवस्थाओं का अम्बार है. जगह-जगह गंदगी फैली है. परिसर में कंडे थेपे जा रहे है. रसोई में काम करने वाली महिला कर्मचारियों ने स्टूडेंट्स के रूम में कब्जा कर लिया है. अब वो खुद वहां रहती हैं. वहीं अधीक्षक हमेशा नदारद रहते है. नदारद भी ऐसे कि इन्हें गांव वाले जानते तक नहीं क्योंकि उनको कभी किसी ने हॉस्टल में आते-जाते देखा ही नहीं.
इस लापता अधीक्षक को सुरक्षित रखने जिम्मेदार भी पीछे नहीं है. लगातार स्थल निरीक्षण पर बताकर लगाकर रिपोर्ट बना देते है कि अधीक्षक हमेशा मौजूद रहते है. ऐसे में छात्रों का भविष्य भगवान भरोसा ही छोड़ दिया गया है. लेकिन हॉस्टल में मौजूद स्टाफ खुद बोल रहे है कि अधीक्षक 2-4 दिन में आते है और लौट जाते है.
नदारद रहते है सुपरिटेंडेंट
जब हॉस्टल की हकीकत जानी तो कुछ और ही तस्वीर सामने आई. इस छात्रावास में 20 बच्चे दर्ज है. मगर कितने बच्चे आते है, इसकी जानकारी खुद अधीक्षक को नहीं है. पूरा छात्रावास चौकीदार के भरोसे चल रहा है. यहां तक कि छात्रावास में शौचलाय में काफी समय से सफाई नहीं हुई. यहां का सफाई कर्मचारी भी नदारद है. इन सभी हालतों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शासन की योजनाओं को ये जिम्मेदार कैसे पलीता लगाते है. जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारी भी यहां निरीक्षण नहीं करते.
इसका खामियाजा छात्रों को इन अव्यवस्थाओं के बीच रहकर उठाना पड़ता है. छात्रावास अधीक्षक से उपस्थित नहीं होने के बारे में पूछा तो उन्होंने उनके बच्चे की तबीयत खराब होने और मानवीयता का हवाला देते नजर आए और राजस्थान के इकलेरा से छात्रावास आने की बात बताई. जबकि अधीक्षक के छात्रावास से नदारद होने या छुट्टी की कोई सूचना विभाग के जिम्मेदारों को नहीं है.
राजस्थान के सुपरिटेंडेंट, हर तरफ गंदगी, चौंका देगी इस हॉस्टल की सच्चाई