खंडवा: 500 साल पुरानी मंदिर में लगी आग, मूंछों वाले भगवान राम और लखन की जलीं मूर्तियां, मची चीख-पुकार
खंडवा के भामगढ़ गांव में 500 साल पुराने मूंछ वाले राम मंदिर में आग लगने से हड़कंप मच गया. यह मंदिर पूरी तरह से लकड़ी का बना था और इसे राज परिवार ने बनवाया था. यहां पर पुजारी की 13वीं पीढ़ी सेवाएं दे रही थी. इस मंदिर का निमाड़ के गौरवशाली इतिहास से गहरा संबंध है.
मध्य प्रदेश राज भवन में राज परिवार की बेटी दीपमाला रावत के परिवार का जुड़ाव भी इसी मंदिर से था. प्रोफेसर ने बताया कि इस मंदिर का इतिहास सबसे पुराना है. भामगढ़ के इस प्राचीन मंदिर में राजा के रूप में विराजित भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की दो- दो मूर्तियां थीं. आग लगने के बाद प्रतिमाएं खंडित हो गई हैं.
सरपंच सुमीत सिंह रावत के अनुसार, मंदिर का निर्माण लगभग 500 साल पहले राव लखमे सिंह ने करवाया था. भुसकुटे शासन काल में शांति-स्थापना के लिए दो और मूर्तियां विराजित की गई थीं. ग्रामीणों के अनुसार, मंदिर में संगमरमर से निर्मित मूर्तियां थीं. मंदिर लकड़ी से बना था, इसलिए आग को बुझाने में छह से सात घंटे लग गए. पांच दमकल वाहनों से पानी का छिड़काव किया गया. ग्रामीणों ने भी आग बुझाने का प्रयास किया.
पड़ोसी ने मंदिर में आग लगने की दी सूचना
मंदिर के पुजारी सोतेश पांडेय ने बताया कि उनकी 13वीं पीढ़ी इस मंदिर में सेवा कर रही है. शुक्रवार रात 1 बजे पड़ोसी ने मंदिर में आग लगने की सूचना दी. जब मंदिर के बाहर आए, तो देखा कि मंदिर के अंदर और ऊपर तक आग की लपटें थीं. खबर लगते ही पूरा गांव आग बुझाने के लिए आ गया. किसी ने बाल्टियों से पानी डाला तो किसी ने मोटर चलाकर आग बुझाने का प्रयास किया.
मूंछ वाले भगवान राम की प्रतिष्ठा
मंदिर में भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की दो-दो मूर्तियां थीं. यह मंदिर मूंछ वाले भगवान राम के नाम से प्रसिद्ध है. परिवार की 13 पीढ़ियां हर रोज मंदिर में पूजा और भोग करती आ रही हैं. पुरखों की तरह आज भी परिवार मंदिर में सेवा दे रहा है. रामनी ने आज तक इस परिवार और गांव पर किसी भी संकट को नहीं आने दिया.