New Year: MP में यहां था डाकुओं का खौफ..अब पिकनिक स्पॉट, 2000 फीट ऊपर सेलिब्रेट करें न्यू ईयर
खरगोन. मध्य प्रदेश में एक ऐसा भी पिकनिक स्पॉट है, जहां कभी डाकुओं का खौफ रहता था. लोग जाने से भी डरते थे. लेकिन, आज वहां पूरे साल पर्यटकों का जमावड़ा रहता है. हम, बात कर रहे हैं खरगोन-इंदौर (निमाड़-मालवा) बॉर्डर की. जहां लगभग 233 साल पुराना जाम दरवाजा और विंध्याचल पर्वत की खूबसूरती पर्यटकों को खूब लुभाती है. नए साल पर घूमने के लिहाज से जाम गेट लोगों की पहली पसंद माना जाता है.
इतिहास के जानकर दुर्गेश कुमार राजदीप बताते हैं कि इस किले नुमा जाम दरवाजे का निर्माण 18वीं शताब्दी में देवी अहिल्या बाई होलकर के शासनकाल में हुआ था. पहले यह रास्ता उज्जैन-पैठण (महाराष्ट्र) मार्ग कहलाता था, जो भारत के सबसे प्राचीन मार्गों में से एक था. वर्तमान में जाम रोड़ या चित्तौड़गढ़-भुसावल राजमार्ग कहलाता है. रानी अहिल्या बाई होलकर भी इसी मार्ग का उपयोग इंदौर से महेश्वर आवागमन के लिए करती थी.
पहले डाकुओं और जंगली जानवरों का खौफ था
इतिहासकार बताते हैं कि पहले यह रास्ता जंगल के बीच पहाड़ियों पर काफी सकरा और डरावना था. आवागमन कम होता था. क्योंकि, यहां डाकुओं और जंगली जानवरों का भी खौफ रहता था. इस मार्ग से गुजरने वाले राहगीरों को डाकू लूट लिया करते थे. दुर्गेश राजदीप कहते हैं कि एक किंवदंती के अनुसार, गणपत राव नाम का डाकू देवी अहिल्या बाई और उनके कार्यों से इतना प्रभावित हुआ कि उसने यह काम छोड़ दिया और लोगों से लुटा हुआ पूरा धन अहिल्याबाई को दे दिया.
1791 में बना था जाम दरवाजा
गणपत राव के दिए धन में अहिल्या बाई होलकर ने अपना धन मिलाकर साल 1791 में जाम दरवाजे का निर्माण करवा दिया. यहां से निमाड़ और मालवा पर निगरानी रखी जाती थी. आवागमन का रास्ता भी अहिल्या बाई ने व्यवस्थित करवाया. मार्ग से गुजरते समय अहिल्या बाई अपनी सेना के साथ यहां विश्राम भी करती थी.
देशभर से आते हैं पर्यटक
दरअसल, मध्य प्रदेश के सबसे खूबसूरत पिकनिक स्पॉट में से एक जाम दरवाजा भी है. करीब 2 हजार फीट ऊंचे विंध्याचल पर्वत के शिखर पर यह जाम दरवाजा बना है. करीब 31 फीट ऊंचे जाम दरवाजे के ऊपर से निमाड़ और मालवा की खूबसूरती का दीदार करने के लिए देशभर से रोजाना सैकड़ों पर्यटक आते हैं. छुट्टियों में यह संख्या हजारों में होती है. ठंड के दिनों में यहां का नज़ारा और भी ज्यादा लुभावना हो जाता है. सनसेट और सनराइज का भी यहां दीदार होता है.