खंडवा में गतका के रोमांचक करतब: पंजाब के कलाकारों ने किया प्रदर्शन, जानें पारंपरिक मार्शल आर्ट की खासियत
खंडवा: मध्य प्रदेश के खंडवा में सिख समाज के नगर कीर्तन में गतका कला का अद्भुत प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन में पंजाब से आए खालसा फौजी गतका दल ने अपनी रोमांचक प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. गतका, सिख समाज की पारंपरिक मार्शल आर्ट है, जिसे आत्मरक्षा और शस्त्र विद्या में महारथ हासिल करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
क्या है गतका?
गतका एक पारंपरिक मार्शल आर्ट है जो सिख गुरुओं द्वारा सिखाई गई युद्ध कला पर आधारित है. यह न केवल आत्मरक्षा के लिए उपयोगी है, बल्कि शारीरिक और मानसिक संतुलन भी प्रदान करता है. तलवार, लाठी, चक्र, और अन्य शस्त्रों का उपयोग गतका में कुशलता से किया जाता है. इसे गोरिल्ला युद्ध विधि भी कहा जाता है, क्योंकि यह तेज और अनपेक्षित हमलों का कौशल सिखाती है.
गुरु गोविंद सिंह का योगदान
गतका कला का विकास गुरु गोविंद सिंह के समय में हुआ, जिन्होंने इसे भक्ति और शक्ति के मिलन के रूप में प्रस्तुत किया. सिख समाज में शस्त्र और शास्त्र को समान रूप से महत्व दिया गया. यह कला सिख समुदाय को न केवल शारीरिक रूप से सक्षम बनाती है, बल्कि आत्मा और मन को भी मजबूत करती है.
पंजाब से आए कलाकारों ने दिखाए अद्भुत करतब
खंडवा में आयोजित नगर कीर्तन में खालसा फौजी गतका दल ने अपने करतबों से लोगों का दिल जीत लिया. तलवार और लाठी की झन्नाहट के साथ उन्होंने दिखाया कि कैसे यह कला आत्मरक्षा और युद्ध कौशल के लिए महत्वपूर्ण है.
गतका दल के सदस्य इंद्रजीत सिंह ने बताया कि 3 से 5 साल के बच्चे भी इस कला को सीखने में रुचि दिखा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह केवल शारीरिक प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह अपने और दूसरों की रक्षा के लिए एक जीवनशैली है. हमारे गुरु साहिब ने इसे डराने के लिए नहीं, बल्कि आत्मरक्षा और शांति के लिए सिखाया है.
नगर कीर्तन का आयोजन
नगर कीर्तन में गुरुनानक देव जी के जीवन पर आधारित झांकियां प्रदर्शित की गईं. गुरुद्वारे से शुरू होकर यह नगर के मुख्य मार्गों से गुजरा. पुरुषों ने सफेद कपड़ों के साथ केसरिया पगड़ी पहन रखी थी, जबकि महिलाओं ने सफेद परिधान और केसरिया चुन्नी पहनकर इस धार्मिक यात्रा में भाग लिया.
नगर कीर्तन के दौरान तलवारबाजी और लाठी चलाने के करतबों के अलावा, गुरुनानक देव जी के उपदेशों को भी प्रस्तुत किया गया. यात्रा के माध्यम से समाज में शांति और भाईचारे का संदेश दिया गया.
गतका: कला से अधिक एक संदेश
गतका केवल एक मार्शल आर्ट नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है कि शक्ति और भक्ति का सही संतुलन जीवन में कितना महत्वपूर्ण है. सिख गुरुओं ने इसे न केवल आत्मरक्षा के लिए विकसित किया, बल्कि इसे एक नैतिक और आध्यात्मिक आधार भी दिया.