बालाघाट में धान खरीदी के बाद भी किसानों को भुगतान का इंतजार, परेशान किसान उठा रहे सवाल
बालाघाट: मध्य प्रदेश में 2 दिसंबर से शुरू हुई धान खरीदी प्रक्रिया के तहत किसानों को 48 घंटों के भीतर भुगतान का वादा किया गया था, लेकिन बालाघाट जिले में हालात इसके बिल्कुल विपरीत हैं. किसान अब भी धान की बिक्री के बाद भुगतान का इंतजार कर रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक परेशानियां बढ़ती जा रही हैं.
किसानों की समस्याएं: भुगतान में देरी का असर
बालाघाट जिले में धान खरीदी की शुरुआत इस साल देरी से हुई. किसान आंदोलन के चलते 10 दिसंबर तक खरीदी प्रभावित रही. महकेपार के सरपंच युवचंद सोनवाने ने बताया कि धान तुलाई के बाद भी किसानों के खाते में रकम जमा नहीं हुई है. इससे किसान आर्थिक संकट में हैं.
कर्ज और ब्याज का बोझ: किसानों ने फसल तैयार करने के लिए अलग-अलग स्रोतों से कर्ज लिया था. समय पर भुगतान न होने के कारण उन्हें ब्याज चुकाने में परेशानी हो रही है.
धान उत्पादक क्षेत्र पर असर: बालाघाट धान उत्पादन का प्रमुख जिला है. यहां के किसान पूरी तरह से धान की बिक्री पर निर्भर हैं. ऐसे में भुगतान में देरी से उनकी अन्य जरूरतें और योजनाएं प्रभावित हो रही हैं.
48 घंटे में भुगतान का नियम: सच्चाई कुछ और
मध्य प्रदेश सरकार के नियमों के अनुसार, धान खरीदी के 48 घंटे के भीतर किसानों के खाते में भुगतान होना चाहिए. हालांकि, इस बार स्थिति उलट है.
15 दिनों बाद भी भुगतान नहीं: धान खरीदी शुरू होने के 15 दिन बीत जाने के बाद भी अधिकांश किसानों के खाते में पैसा जमा नहीं हो सका है.
परिवहन में देरी: रिपोर्ट के अनुसार, खरीदी केंद्रों से धान का परिवहन धीमी गति से हो रहा है. इससे न केवल भुगतान में देरी हो रही है, बल्कि खरीदी केंद्रों पर रखी धान के खराब होने की आशंका भी बढ़ गई है.
समर्थन मूल्य पर सवाल
विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में किसानों से धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल करने का वादा किया था. लेकिन मौजूदा स्थिति में सरकार केवल 2300 रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य दे रही है. किसानों का कहना है कि यह वादा पूरा न होने से उन्हें वित्तीय नुकसान झेलना पड़ रहा है.
किसानों की मांग
समय पर भुगतान: सरकार और संबंधित विभाग जल्द से जल्द किसानों के खाते में रकम जमा करें.
उचित समर्थन मूल्य: किसान 3100 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य की मांग कर रहे हैं.
परिवहन प्रक्रिया में तेजी: खरीदी केंद्रों से धान का परिवहन तेजी से किया जाए, ताकि भुगतान प्रक्रिया सुचारू हो सके.