कंदारिया महादेव मंदिर विदेशी पर्यटकों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण, जानें 1000 साल पुरानी वास्तुकला और मूर्तिकला का रहस्य

खबर शेयर करें

Kandariya Mahadev Temple. छतरपुर जिले के खजुराहो में स्थित कंदारिया महादेव मंदिर, जो विश्व विख्यात है. इस मंदिर की ऊंचाई और बनावट आज भी लोगों को सोचने पर मजबूर करती है. इस मंदिर को देखने के लिए सिर्फ भारत से ही नहीं विदेशों से भी लोग आते हैं.

1000 साल पुराना है मंदिर 
सालों से गाइड का काम रहे बृजेश मिश्रा बताते हैं कि कंदारिया महादेव मंदिर खजुराहो के सभी मंदिरों में सबसे विशाल और ऊंचा है. यह मंदिर लगभग 1025 से 1050 के मध्य चंदेल राजा विद्याधर ने बनवाया था. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है.

इसे भी पढ़े..  ये है मटर वाली हाईवे, सड़क पर यूं फेंके हैं मटर के बोरे, बीच रास्ते तौलकर हो रही खरीद-बिक्री

बृजेश बताते हैं कि इसकी योजना विन्यास में मुखमण्डप, मण्डप, महामण्डप, अंतराल और गर्भगृह है. आकार, उत्कृष्ट मूर्तिकला और विस्तृत मूर्तिकला के कारण यह मंदिर अति विकसित शैली से युक्त मध्य भारत में अपनी तरह का शानदार मंदिर है.

ये होता है कंदारिया का मतलब 
बृजेश बताते हैं कि यह खजुराहो का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसमें दो तोरण प्रवेश द्वार हैं. गर्भगृह के सरदल पर चतुर्भुजी शिव का अंकन है तथा उनके दाएं ब्रम्हा और बाएं विष्णु हैं.यह शिवलिंग सफेद संगमरमर से बना है. मंदिर की दीवारों पर बहुत ही सुंदर नक्काशी की गई है. साथ ही दीवारों पर कामुक मूर्तियां भी बनाई गई हैं. इस मंदिर को सामने से देखने से ऐसा लगता है, कि जैसे हम किसी गुफा में प्रवेश कर रहे हैं. गुफा को कंदरा भी कहते हैं, इसलिए इसका नाम कंदरिया महादेव मंदिर पड़ा. जिसका मतलब कंदरा में रहने वाले शिव है.

इसे भी पढ़े..  कटंगी के मीठे समोसे की खोई हुई लोकप्रियता, काजू बादाम के साथ मिलता था स्वाद

बता दें, कन्दारिया महादेव मंदिर सप्ताह के पूरे दिन खुला रहता है. ऐसे में आप सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे के बीच दर्शन करने पहुंच सकते हैं. कन्दारिया महादेव मंदिर परिसर में घूमने के लिए भारतीय नागरिकों को 35 रुपये का टिकट लेना होता है.

Source link


खबर शेयर करें